मेरठ में पुराने गृहकर के आधार पर होगी वसूली, GIS सर्वे फिलहाल स्थगित, नगर निगम बैठक में प्रस्ताव पारित
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मेरठ। महानगर में अब गृहकर की वसूली पुराने सर्वे और दरों के आधार पर ही की जाएगी। नगर निगम की बुधवार को हुई बैठक में इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी गई। विवादों और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जीआईएस (GIS) सर्वे के आधार पर नया गृहकर फिलहाल लागू नहीं किया जाएगा। इसके बजाय वर्ष 2024-25 की बढ़ी हुई दरों को नजरअंदाज करते हुए पुराने बिलों के माध्यम से ही गृहकर वसूली की जाएगी।
भाजपा पार्षद अनुज वशिष्ठ ने बैठक में कहा कि जीआईएस सर्वे का उद्देश्य सही था, लेकिन इसमें भारी गड़बड़ी की गई है। इसलिए पहले जिन भवनों से अब तक कर नहीं लिया गया, उन पर ध्यान दिया जाए और सत्यापन कराकर पुराने दरों के अनुसार ही वसूली की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दो वर्षों का बढ़ा हुआ गृहकर नहीं लिया जाएगा।
महापौर ने पार्षदों की बात का समर्थन करते हुए कहा कि स्वकर प्रपत्र प्रणाली को लागू किया जाएगा और नए गृहकर पर भविष्य में सदन में पुनः चर्चा होगी।
पार्षद अनिल वर्मा ने बैठक में शासन द्वारा नाम परिवर्तन शुल्क घटाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि शासन ने इस शुल्क को ₹50,000 से घटाकर ₹10,000 कर दिया है, जिसे उसी तारीख से लागू माना जाए। जिन लोगों से अधिक शुल्क वसूला गया है, उन्हें राशि लौटाई जाए या गृहकर में समायोजित किया जाए।