आरएसएस पथ संचलन पर पुष्पवर्षा करना पड़ा भारी! सपा नगराध्यक्ष कामिल मंसूरी पार्टी से निष्कासित

Amroha News: गजरौला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन पर पुष्पवर्षा करना समाजवादी पार्टी (सपा) के नगराध्यक्ष कामिल मंसूरी को भारी पड़ गया। सपा जिलाध्यक्ष मस्तराम यादव ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त बताते हुए तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। यह फैसला न केवल स्थानीय राजनीति में बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
पांच अक्टूबर को आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर हुआ था आयोजन

सपा ने बताया पार्टी लाइन के खिलाफ कदम
सपा जिलाध्यक्ष मस्तराम यादव ने अपने आधिकारिक लेटर पैड पर आदेश जारी कर कहा कि “नगराध्यक्ष द्वारा सपा में रहते हुए आरएसएस के पथ संचलन पर पुष्पवर्षा की गई है, जो पार्टी की विचारधारा और गतिविधियों के विपरीत है।” इसी आधार पर उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया गया। सपा के इस कदम ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी अनुशासन के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
जल्द होगी संगठन की बैठक, नए नगराध्यक्ष पर फैसला
जिलाध्यक्ष ने बताया कि अब संगठन स्तर पर बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें गजरौला नगर इकाई के कार्यकर्ताओं से चर्चा कर नए नगराध्यक्ष का चयन किया जाएगा। सपा नेतृत्व का कहना है कि पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है, और कोई भी पदाधिकारी यदि पार्टी लाइन से हटकर कार्य करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अनिवार्य होगी।
पश्चिमी यूपी में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
कामिल मंसूरी की निष्कासन की खबर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर गई है। एक ओर कुछ लोग उनके कदम को ‘सौहार्द की मिसाल’ बता रहे हैं, तो दूसरी ओर सपा समर्थक इसे अनुशासनहीनता मान रहे हैं। इस घटनाक्रम ने सपा और आरएसएस के संबंधों को लेकर भी नए राजनीतिक समीकरणों की चर्चा को जन्म दे दिया है।