जयपुर के किसान प्रकाश सिंह की अद्भुत कहानी – 20 बीघा में गेंदा फूल उगाकर सालाना 20 लाख की कमाई, इजराइल से सीखी तकनीक ने बदल दी किस्मत

आज हम आपको एक ऐसे किसान की प्रेरणादायक कहानी सुनाने जा रहे हैं जिन्होंने अपने मेहनत और आधुनिक सोच से खेती की दुनिया में एक अलग ही पहचान बना ली है। यह कहानी है जयपुर के पास चौमूं कस्बे के रहने वाले किसान प्रकाश सिंह गरेड़ की जिन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की आधुनिक खेती को अपनाया और लाखों रुपये की कमाई करने लगे।
। उनके पास कुल 27 बीघा ज़मीन है जिसमें से 20 बीघा पर वे गेंदा फूल की खेती करते हैं और सात बीघा पर फूलों की नर्सरी तैयार करते हैं।
प्रकाश सिंह ने शुरुआत में पारंपरिक तरीके से खेती की लेकिन उसमें उन्हें ज्यादा लाभ नहीं हुआ। साल 2008 में टांकरड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने करवट ली। वहां से उन्हें उन्नत खेती की जानकारी मिली और फिर उन्होंने गेंदा की खेती को वैज्ञानिक तरीकों से करना शुरू किया।
साल 2018 में वे इजराइल गए जहां उन्होंने ड्रिप सिस्टम और रेतीली मिट्टी में कम पानी से खेती करने की तकनीक सीखी। इस ज्ञान को अपनाकर वे पूरी तरह से आधुनिक खेती में उतर गए। हालांकि कोरोना महामारी के समय फूलों की मांग अचानक घटने से उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने और मेहनत की और फिर से गेंदा की खेती में बेहतर मुनाफा कमाना शुरू कर दिया।
प्रकाश सिंह ने खेती को और लाभकारी बनाने के लिए थाईलैंड और जापान से गेंदा के उच्च गुणवत्ता वाले बीज मंगवाए। इनमें जापान की ‘साकाटा 900’ किस्म सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई। इसकी गेंदनुमा आकृति और लंबे समय तक ताज़ा बने रहने की वजह से यह बाजार में खूब पसंद की जाती है। वे बीज से पौधे तैयार कर नर्सरी बनाते हैं और फिर 30 दिन बाद उन्हें खेत में लगाते हैं। करीब दो महीने में बंपर उत्पादन शुरू हो जाता है जो लगातार तीन महीने तक चलता है।
सावन-भादो, रक्षाबंधन, नवरात्र, दीपावली और शादी-ब्याह के मौसम में उनके फूलों की मांग सबसे ज्यादा रहती है और इस दौरान कीमत 150 रुपये किलो तक पहुंच जाती है। आज की तारीख में उनका वार्षिक खर्च करीब 6 से 9 लाख रुपये होता है जबकि उनकी सालाना कमाई लगभग 20 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर हम खेती में नई तकनीक और सही दिशा में मेहनत करें तो पारंपरिक सोच से हटकर भी करोड़ों की पहचान बनाई जा सकती है। प्रकाश सिंह आज चौमूं ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान के किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी किसानों को प्रेरित करने के उद्देश्य से लिखी गई है। किसी भी प्रकार की खेती शुरू करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।