अगस्त में खेती करने वाले किसान जरूर जानें ये जरूरी बातें, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान

अगर आप इस समय धान मूंग उड़द सोयाबीन मूंगफली जैसी खरीफ फसलों की खेती कर रहे हैं या फिर सब्जियों और फूलों के खेत में मेहनत कर रहे हैं तो ये जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। अगस्त का महीना फसलों के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय नमी ज्यादा रहती […]
अगर आप इस समय धान मूंग उड़द सोयाबीन मूंगफली जैसी खरीफ फसलों की खेती कर रहे हैं या फिर सब्जियों और फूलों के खेत में मेहनत कर रहे हैं तो ये जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। अगस्त का महीना फसलों के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय नमी ज्यादा रहती है और इसी कारण खेत में कई तरह के कीट और रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही यदि आप पानी की निकासी और फसल की देखभाल सही तरीके से नहीं करते हैं तो मेहनत से तैयार की गई फसल भी बर्बाद हो सकती है।
अब बात करते हैं दलहन और तिलहन फसलों की। जैसे मूंग उड़द मूंगफली और सोयाबीन की फसलें इस समय कीटों से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। सफेद मक्खी हो या चितला कीट या फिर तना मक्खी सब फसलों का नुकसान कर सकते हैं। इसलिए जैविक उपाय के तौर पर नीम का तेल बहुत फायदेमंद रहता है और अगर संक्रमण ज्यादा हो गया है तो आप विशेषज्ञ की सलाह लेकर रासायनिक दवाओं का भी छिड़काव कर सकते हैं जिससे असर तुरंत देखने को मिलता है।
जिन किसानों ने सब्जी की खेती की है उनके लिए भी यह समय बहुत खास है। भिंडी लौकी टमाटर मिर्च जैसी सब्जियों की बुवाई इस समय हो सकती है और इन फसलों में भी पानी का जमाव बिल्कुल नहीं होना चाहिए। लगातार बारिश होने की वजह से खेतों में पानी भरने लगता है जिससे जड़ों में सड़न की समस्या हो जाती है और पूरा पौधा खराब हो सकता है। ऐसे में आपको खेतों में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखनी है।
अगर आप बागवानी कर रहे हैं जैसे आम अमरूद अनार या नींबू की खेती कर रहे हैं तो पेड़ों के आसपास की मिट्टी को समय-समय पर हल्का कर दें ताकि पानी जल्दी निकल सके और पौधों की जड़ें सड़ने ना पाएं। वहीं फूलों की खेती में इस समय गेंदा और गुलदाउदी के पौधे लगाने का अच्छा समय है क्योंकि इस मौसम में इन पौधों को नमी की जरूरत होती है और वो तेजी से बढ़ते हैं।
अब बात करते हैं सबसे जरूरी काम की यानी बारिश के पानी की व्यवस्था की। बारिश अगर आपके इलाके में जरूरत से ज्यादा हो रही है तो खेतों में पानी भरने से नुकसान हो सकता है इसलिए जल निकासी के रास्ते तैयार रखें। वहीं अगर आपका इलाका सूखा है तो आप बारिश का पानी एकत्रित कर सकते हैं जिसे आगे चलकर खेतों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह न केवल आपकी फसल को सुरक्षित रखेगा बल्कि पानी की बचत में भी मदद करेगा।
अगर आप इन बातों को अपनाते हैं तो न केवल आपकी फसल सुरक्षित रहेगी बल्कि उत्पादन में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। खेती एक मेहनत भरा काम है लेकिन समय पर की गई देखभाल से यह मेहनत जरूर रंग लाती है।
Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। फसल सुरक्षा और दवाओं का उपयोग करने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञ या कृषि अधिकारी की सलाह जरूर लें ताकि आपकी फसल को बेहतर सुरक्षा मिल सके और किसी भी नुकसान से बचा जा सके
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