Mustard Farming 2025 - कल्टीवेटर से सरसों की बुवाई से बढ़ी पैदावार, किसानों ने छोड़ी पुरानी तकनीक, अब हो रही लाखों की कमाई
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी खेती की, जिससे गोंडा जिले के किसान इस बार शानदार मुनाफा कमा रहे हैं। पहले किसान सरसों की बुवाई हाथ से या पारंपरिक तरीकों से करते थे, जिससे न सिर्फ मेहनत ज्यादा लगती थी बल्कि पैदावार भी उम्मीद के मुताबिक नहीं मिलती थी। लेकिन अब समय बदल रहा है और किसान नई तकनीक को अपना रहे हैं। इस बार गोंडा के कई किसानों ने सरसों की बुवाई कल्टीवेटर से की है, जिससे न सिर्फ फसल का जमाव बेहतर हुआ है बल्कि लागत भी काफी कम आई है।
क्यों जरूरी है कल्टीवेटर से सरसों की बुवाई
सरसों की बुवाई के लिए खेत में नमी का होना बहुत जरूरी है। अगर नमी नहीं होगी तो बीज का जमाव सही नहीं हो पाएगा और उत्पादन घट जाएगा। जब खेत में पर्याप्त नमी हो और किसान कल्टीवेटर का उपयोग करें, तो बुवाई न सिर्फ समान रूप से होती है बल्कि बीज की खपत भी आधी रह जाती है। इससे किसानों की लागत घटती है और पैदावार बढ़ती है।
वहीं, सुपर सीडर मशीन से सरसों की बुवाई करने की सलाह नहीं दी गई है। सुपर सीडर की लाइन की दूरी केवल 22 सेंटीमीटर होती है, जो सरसों जैसी बारीक बीज वाली फसल के लिए उपयुक्त नहीं है। इससे बीज ज्यादा अंदर चला जाता है और अंकुरण खराब हो जाता है। यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने स्पष्ट कहा है कि सुपर सीडर से सिर्फ गेहूं या धान की बुवाई करनी चाहिए, सरसों की नहीं।
किसान भाइयों के अनुभव और बदलाव
कई किसानों का कहना है कि जब उन्होंने पहली बार कल्टीवेटर से सरसों की बुवाई की, तो फसल का जमाव देखकर वे खुद हैरान रह गए। पहले जहां बीज ज्यादा खर्च होते थे और उत्पादन औसत रहता था, वहीं अब बीज की बचत के साथ-साथ पैदावार 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ी है।
किसानों का यह भी कहना है कि कल्टीवेटर से बुवाई करने के बाद खेत की तैयारी एकसमान रहती है और फसल में रोग लगने की संभावना भी कम होती है। अब वे इस तकनीक को हर सीजन में अपनाने का मन बना चुके हैं, क्योंकि इससे मेहनत कम लगती है और मुनाफा दोगुना होता है।
किसान भाइयों, अगर आप भी सरसों की खेती करते हैं, तो इस बार पारंपरिक तरीका छोड़कर कल्टीवेटर से बुवाई जरूर करें। इससे न सिर्फ बीज की बचत होगी, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा और लागत कम आएगी। याद रखें, खेती में बदलाव ही तरक्की की पहचान है, और नई तकनीक अपनाने वाला किसान हमेशा आगे बढ़ता है।
