अक्टूबर-नवंबर में लगाएं ये दो सब्जियां और सिर्फ 45 दिन में खेत से निकालें लाखों की कमाई – खर्च भी बेहद कम और मुनाफा जबरदस्त
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हरा धनिया की खेती – कम समय में बेहतरीन कमाई का जरिया
हरा धनिया की खेती अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर की शुरुआत तक की जा सकती है। इस समय अगर किसान भाई धनिया की बुवाई कर दें तो बाजार में इसका भाव ₹40 से ₹45 प्रति किलो तक पहुंच जाता है। इतना ही नहीं ₹30 प्रति किलो के भाव पर भी यह फसल अच्छा मुनाफा दे देती है क्योंकि एक एकड़ खेत से किसान कई क्विंटल उत्पादन ले सकते हैं।
इस फसल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे 35 से 45 दिन में काटा जा सकता है और दो से तीन बार कटाई करने के बाद भी खेत जल्दी खाली हो जाता है जिससे किसान दूसरी फसल की तैयारी कर सकते हैं।
खेती की शुरुआत में खेत में एक ट्रॉली गोबर की खाद डालें। इसके बाद पहली जुताई के समय 40 किलो डीएपी और 25 किलो यूरिया डाल सकते हैं। बीज बुवाई से पहले हाथों से मसलकर दो भागों में कर लें ताकि अंकुरण अच्छा हो। इतना करने के बाद आपको शानदार हरा धनिया मिलेगा जो मंडी में ऊंचे दाम पर बिकेगा।
पालक की खेती – ठंड के मौसम की सबसे मांग वाली फसल
पालक की खेती भी इस समय करना बहुत फायदेमंद रहता है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर की शुरुआत में अगर पालक की बुवाई कर दें तो दिसंबर तक आपकी फसल तैयार हो जाती है। सर्दियों में पालक की मांग इतनी बढ़ जाती है कि इसका भाव ₹50 से ₹60 प्रति किलो तक पहुंच जाता है।
पालक की खासियत यह है कि यह बहुत जल्दी तैयार होती है और कम खाद में भी अच्छा उत्पादन देती है। अगर आप जैविक खाद यानी गोबर की खाद का उपयोग करें तो इससे मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है और लागत भी घटती है।
इस फसल के लिए नाइट्रोजन और फास्फोरस की जरूरत होती है। इसलिए खेत की तैयारी करते समय इन्हें उचित मात्रा में डालें। यह फसल भी 35 से 40 दिन में तैयार हो जाती है और आसानी से बाजार में बिक जाती है।
किसान भाइयों, अगर आप इस अक्टूबर या नवंबर में हरा धनिया और पालक की खेती शुरू करते हैं तो सिर्फ डेढ़ महीने में ही बढ़िया कमाई कर सकते हैं। ये दोनों फसलें कम समय में तैयार होती हैं, लागत बहुत कम होती है और बाजार में हमेशा इनकी डिमांड बनी रहती है। जैविक खाद से खेती करने पर मिट्टी भी उपजाऊ रहती है और स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर फसल मिलती है।