Matar Ki Kheti: अक्टूबर-नवंबर में मटर की खेती करें और सिर्फ 45 दिन में खेत से कमाएं लाखों का मुनाफा


मटर की बुवाई का सही समय

मटर की खेती ठंडे मौसम में सबसे अच्छी होती है। बुवाई के समय तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस और पकने के समय 25 डिग्री सेल्सियस तक होना आदर्श रहता है।
मिट्टी और बीज की तैयारी
मटर के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। एक हेक्टेयर खेत के लिए लगभग 60 से 80 किलो बीज की आवश्यकता होती है। बीज बोने से पहले फफूंदनाशक जैसे कार्बेन्डाजिम या थायरम से उपचारित करना चाहिए ताकि फसल रोगमुक्त रहे।
खेत को अच्छी तरह जोतकर समतल कर लें और उचित नमी बनाए रखें। बुवाई के 20–25 दिन बाद पहली सिंचाई करें और फली बनने के समय भी सिंचाई जरूरी होती है।
उत्पादन और देखभाल
सामान्यतः प्रति हेक्टेयर 50 से 60 क्विंटल हरी फलियाँ या 15 से 20 क्विंटल सूखे दाने का उत्पादन प्राप्त होता है। फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए पहली निराई बुवाई के 20 दिन बाद करें। यदि कीट या एफिड दिखाई दें तो नीम के घोल या जैविक कीटनाशक का प्रयोग करें।
फली के हरे और कोमल होने पर तोड़ाई करनी चाहिए। अगर दाने के लिए खेती की गई है तो फली पूरी तरह सूखने के बाद कटाई करें।
किसान भाइयों, मटर की खेती इस अक्टूबर और नवंबर में शुरू करने से आप जल्दी उत्पादन ले सकते हैं और अच्छी आमदनी पा सकते हैं। यह फसल कम लागत वाली है और कम मेहनत में भी बढ़िया मुनाफा देती है। साथ ही, मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और अगली फसल के लिए जमीन तैयार रहती है।
इस लेख में दी गई जानकारी खेती के अनुभवों और कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है। मौसम और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। किसी भी फसल की बुवाई से पहले स्थानीय कृषि अधिकारी या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।