दिसंबर की कड़ाके की ठंड में ऐसे बचाएं अपनी तुलसी का पौधा पूरे मौसम हरी रहेगी और पत्तियों की होगी भरमार
सर्दियां आते ही भारतीय घरों में सबसे ज्यादा चिंता अगर किसी पौधे की होती है तो वह है तुलसी का पौधा. हिंदू संस्कृति में तुलसी को देवी का स्वरूप माना जाता है और माना जाता है कि घर में तुलसी होने से शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. लेकिन दिसंबर की ठंड कोहरा और पाला अक्सर तुलसी को नुकसान पहुंचा देते हैं. ऐसे में इसकी देखभाल थोड़ी अलग तरीके से करनी पड़ती है ताकि पूरा सीजन पत्तियां हरी ताज़ा और मजबूत बनी रहें.
सर्दियों में तुलसी की देखभाल क्यों जरूरी है
तुलसी की किस्में और उनकी सर्दियों में जरूरतें
तुलसी की कई किस्में भारत में पाई जाती हैं और हर किस्म की देखभाल थोड़ी अलग होती है.
राम तुलसी ठंडी मौसम को सबसे ज्यादा सहन कर लेती है और थोड़ी सी भी सूर्य रोशनी में तेजी से बढ़ती है. वन तुलसी भी मजबूत होती है लेकिन फिर भी इसे धूप का सहारा चाहिए होता है. श्याम तुलसी ठंडी हवा से जल्दी मुरझा जाती है इसीलिए इसे घर के किसी सुरक्षित गर्म कोने में रखना बेहतर रहता है. कपूर तुलसी सुगंधित होती है लेकिन इसकी जड़ें ठंड में जल्दी जम जाती हैं इसलिए इसे बहुत कम पानी दें और मिट्टी को हल्का सूखा रखें.
दिसंबर में तुलसी को ठंड से कैसे
बचाएं
पौधे को रात में खुली ठंडी हवा से बचाना बहुत जरूरी है. रात के समय इसे घर के अंदर रख दें या किसी हल्के कपड़े से ढक दें ताकि पाला पत्तियों को नुकसान न पहुंचा सके. अगर पौधे में पीली और सूखी पत्तियां दिखें तो उन्हें समय पर हटाते रहें इससे नई पत्तियों को निकलने की जगह मिलती है और पौधा ज्यादा हरा दिखता है. मिट्टी को हल्का गर्म रखने के लिए गमले की सतह पर राख या सूखी घास डालने से भी पौधा ठंड से सुरक्षित रहता है.
सर्दियों में तुलसी को कितनी खाद देनी चाहिए
ठंड के मौसम में तुलसी को बहुत कम खाद की जरूरत होती है. महीने में एक बार गोबर खाद वर्मी कम्पोस्ट या लकड़ी की हल्की राख देना काफी होता है. रासायनिक खाद का इस्तेमाल इस मौसम में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जड़ें कमजोर पड़ सकती हैं और पौधा सूख सकता है. प्राकृतिक खाद धीरे धीरे पोषण देती है और पौधा पूरे सीजन सुरक्षित रहता है.
भारतीय संस्कृति में तुलसी का महत्व
तुलसी का पौधा भारतीय परंपरा में सिर्फ पौधा नहीं बल्कि घर की शांति का प्रतीक माना जाता है. इसे हवा को शुद्ध करने वाली औषधीय जड़ी भी कहा जाता है. सर्दी खांसी और जुकाम जैसे मौसमी रोगों से बचाव में तुलसी के पत्ते बड़ा सहारा देते हैं. इसलिए ठंड में इसकी सुरक्षा करना सिर्फ पौधे की देखभाल नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और विश्वास को भी संजोए रखना है.
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य घरेलू अनुभव और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है. किसी भी पौधे या बागवानी संबंधित फैसले से पहले स्थानीय मौसम और अपने क्षेत्र की परिस्थितियों को समझकर ही कदम उठाएं.
