चंद्रशेखर आजाद का BJP पर हमला: ‘कब तक घुसपैठियों के नाम पर चुनाव जीतना चाहेंगे?’
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच 'घुसपैठियों' को लेकर राजनीतिक घमासान मचा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष पर घुसपैठियों को बचाने के आरोप लगाए हैं।
आप कब तक घुसपैठियों के नाम पर चुनाव जीतना चाहते हैं? आचार संहिता लागू होने के बाद भी बिहार में 10-10 हजार रुपए बांटे गए। क्यों यह नहीं कहते हैं कि आपने वोट खरीदे हैं? क्या वोट खरीदकर सरकार बनाने वाले लोग भी नैतिकता की बात करेंगे?" चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा, "अगर 12 साल से घुसपैठिए देश की सीमा पर आ रहे हैं तो केंद्र सरकार क्या कर रही है? अगर वे उत्तर प्रदेश में आठ साल से हैं, तो यहां भी भाजपा की सरकार है। जब घुसपैठिए देश की सीमा को पार करने के बाद राज्य की सीमा में भी घुस गए, तो मुख्यमंत्री क्यों इस्तीफा नहीं देते हैं?"
उन्होंने दावा किया कि एसआईआर का काम प्रेशर में कराया जा रहा है। चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "देश देख रहा है कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीना जा रहा है।" कांग्रेस के सांसद उज्जवल रमन ने भी सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि सिर्फ चुनाव के लिए भाजपा को घुसपैठिए दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा, "क्या हमारी चुनावी व्यवस्थाएं इतनी दूषित हो गई हैं कि घुसपैठियों के दम पर 2014 से 2025 तक चुनाव जीते गए? 12 साल से केंद्र में भाजपा की मजबूत सरकार रही है, लेकिन कितने बांग्लादेशियों को वापस भेजा और कितने रोहिंग्याओं पर कार्रवाई की?"
इस मुद्दे पर सीपीएम सांसद राजाराम ने कहा, "बिहार में सत्तापक्ष के लोग एक भी घुसपैठिया नहीं ढूंढ पाए। सत्तापक्ष जानबूझकर यह मुद्दा उठाना चाहता है। इसके जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है।" सीपीएम सांसद ने कहा कि हमें बहुसंख्यक की आजादी के साथ-साथ अल्पसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान करना होगा। यह विविधताओं से भरा हुआ देश है और इसकी एकता के लिए नागरिकों को उचित सम्मान व उचित जगह देनी होगी।
