मुज़फ्फरनगर में लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़, प्रश्न-पत्रों को कूड़ा गाड़ी में ढोने की तैयारी, डीएम ने लगाई फटकार
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को उस समय अजीबोगरीब और हड़कंप वाली स्थिति बन गई, जब 6 दिसंबर को आयोजित होने वाली सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की अत्यंत गोपनीय सामग्री (लाखों अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं) एक कूड़ा ढोने वाली गाड़ी में लादने की तैयारी कर ली गई। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के संज्ञान में यह गंभीर सुरक्षा चूक आते ही उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप किया, व्यवस्था सुधारी और संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
लापरवाही का घटनाक्रम
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गोपनीय सामग्री का पहुँचना: गुरुवार को इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए उत्तर पुस्तिकाएं जिला मुख्यालय पर पहुंचीं, जिसे जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राजेश कुमार श्रीवास के नेतृत्व में प्राप्त किया गया।
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परिवहन में बाधा: उत्तर पुस्तिकाएं एक बड़े कंटेनर (ट्रक) में लाई गई थीं, जिसे कोषागार (ट्रेजरी) के पास तक लाया गया। हालांकि, कोषागार के डबल लॉक तक कंटेनर ले जाने में जगह की कमी होने के कारण समस्या उत्पन्न हो गई।
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कूड़ा गाड़ी का इस्तेमाल: इस समस्या का समाधान निकालने के लिए, अधिकारियों ने नगर पालिका परिषद की एक कूड़ा गाड़ी मंगवाई। लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से जुड़े दस्तावेजों को कंटेनर से उतारकर उसी कचरा गाड़ी में भरा गया और फिर उसे कोषागार तक पहुंचाया गया।
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फोटो हुई वायरल: कूड़ा गाड़ी में उत्तर पुस्तिकाओं का परिवहन करते हुए कुछ तस्वीरें वायरल हो गईं, जिससे यह घटना तुरंत सुर्खियों में आ गई।
डीएम का सख्त रुख और फटकार
उत्तर पुस्तिकाओं को कोषागार में डबल लॉक में सुरक्षित करने के कार्य का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा मौके पर पहुंचे। जब उन्होंने कूड़ा गाड़ी में उत्तर पुस्तिकाएं लाते हुए देखा, तो वह कड़ी नाराजगी से भर गए और वहाँ मौजूद अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
डीएम ने इस गंभीर सुरक्षा चूक को अत्यंत गंभीरता से लिया और तत्काल संबंधित अधिकारियों से इस पर स्पष्टीकरण भी मांगा है। इस घटना ने एक महत्वपूर्ण परीक्षा की सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार श्रीवास ने घटना से इनकार करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर एडीएम प्रशासन ही अधिक जानकारी दे सकते हैं। हालांकि, एडीएम से संपर्क नहीं हो सका। अब देखना यह है कि इस मामले में डीएम के आदेश पर क्या ठोस कार्रवाई होती है।
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