मुजफ्फरनगर में रामराज गन्ना समिति के सचिव पर भ्रष्टाचार और अवैध उगाही के आरोप, जांच में जुटी लखनऊ टीम

मुजफ्फरनगर। जिले की रामराज गन्ना समिति इन दिनों विवादों में घिर गई है। समिति के चेयरमैन पंकज प्रताप ने समिति के सचिव सुभाष चंद यादव पर भ्रष्टाचार और अवैध धन उगाही के गंभीर आरोप लगाते हुए गन्ना आयुक्त लखनऊ को शिकायत दी है। शिकायत के बाद लखनऊ से आई जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
चेयरमैन के गंभीर आरोप
चेयरमैन पंकज प्रताप का कहना है कि लंबे समय से जमे रहने के कारण सचिव के संबंध गन्ना माफियाओं से हो गए हैं। उन पर समिति की 26 दुकानों से अवैध धन उगाही का आरोप लगाया गया है।
दुकानें बढ़वाने और अवैध कब्जे के आरोप
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चेयरमैन ने आरोप लगाया कि दुकानों में किरायेदारों के एफिडेविट के लिए 50 हजार रुपये प्रति दुकान की वसूली की गई।
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आरोप है कि पैसे लेकर 5 दुकानों को अवैध रूप से पीछे की ओर बढ़वाकर कब्जा करवा दिया गया।
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वर्ष 2021 तक दुकान नंबर 10 गुरबचन लाल पुत्र नंदलाल के नाम थी, लेकिन वर्ष 2022 में इसे बलवेंद्र कुमार पुत्र सतपाल सिंह के नाम चढ़ा दिया गया। इस परिवर्तन के कोई कागजात सचिव प्रस्तुत नहीं कर पाए।
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आरोप यह भी है कि सचिव ने समिति का पर्ची सेक्शन, बड़े बाबू का कमरा, बाबू का कमरा, पर्ची वितरण कक्ष और गाड़ी का गैराज तुड़वाकर दुकानों को बढ़वा दिया और अवैध कब्जे करवाए।
जांच टीम ने किया निरीक्षण
चेयरमैन की शिकायत पर लखनऊ से आई टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। इस टीम में
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उप गन्ना आयुक्त सहारनपुर ओम प्रकाश सिंह,
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जिला गन्ना अधिकारी मुजफ्फरनगर संजय सिसोदिया
सहित लखनऊ से आए दो वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सचिव का पक्ष
आरोपों पर जवाब देते हुए समिति के सचिव सुभाष चंद यादव ने कहा कि –
"सभी कार्य नियमों और उच्चाधिकारियों की अनुमति के अनुसार किए गए हैं। बिना आदेश किसी भी प्रकार का काम नहीं हुआ है।"
अगली कार्रवाई
जांच टीम अब सभी दस्तावेजों और आरोपों की गहन पड़ताल कर रही है। मामले की रिपोर्ट गन्ना आयुक्त को सौंपी जाएगी, जिसके बाद सचिव पर विभागीय कार्रवाई या तबादला तय हो सकता है।
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