मुजफ्फरनगर में फर्जी अस्पतालों के खिलाफ भारतीय किसान मजदूर मोर्चा का आंदोलन,CMO को सौंपा ज्ञापन

मुजफ्फरनगर। जनपद में मंगलवार को भारतीय किसान मजदूर संयुक्त मोर्चा ने फर्जी अस्पतालों और अवैध सेंटरों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया। “अब नहीं चलेगा इलाज के नाम पर लूट का खेल” का नारा बुलंद करते हुए मोर्चा ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी शाह आलम के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित 7 सूत्रीय ज्ञापन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा और 15 दिन में कार्रवाई न होने पर “जनता बनाम स्वास्थ्य माफिया की जंग” की चेतावनी दी।
मोर्चा ने स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ निम्नलिखित मांगें उठाईं जिला महिला चिकित्सालय में आशाओं द्वारा मरीजों से हो रही वसूली पर तत्काल रोक। जिला अस्पताल में हड्डी और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति। जनपद के सभी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स, और अल्ट्रासाउंड सेंटरों की व्यापक जांच। बिना पंजीकरण वाले अस्पतालों और संस्थाओं को तुरंत सील करना। प्राइवेट अस्पतालों में लापरवाही से होने वाली मौतों में दबंगई से समझौता कराने वालों की जांच। सभी प्राइवेट अस्पतालों को स्टाफ सूची थाने और सीएमओ कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य। जनता की सुविधा के लिए हेल्पलाइन और शिकायत केंद्र की स्थापना।
चौधरी शाह आलम का बयान
राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी शाह आलम ने कहा, “अस्पतालों में गरीब की दवाई तक चुरा ली जाती है, यह अब बर्दाश्त नहीं होगा। आमजन हमारे साथ है, और स्वास्थ्य विभाग को अब झुकना ही पड़ेगा।” उन्होंने फर्जी अस्पतालों और अवैध सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
सूत्रों के अनुसार, जनपद में करीब 200 बिना पंजीकरण वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं, लेकिन अब तक केवल खानापूर्ति जैसी कार्रवाई हुई है। किसी बड़े अस्पताल पर शिकंजा नहीं कसा गया। मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
चौधरी शाह आलम का मुख्य चिकित्सा अधिकारी से हुआ सामना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे आंदोलन को और गति मिल रही है। यह आंदोलन अब केवल विरोध तक सीमित नहीं, बल्कि जनता की आवाज और संगठन की ताकत का प्रतीक बन चुका है।