महाराजा सुहेलदेव पर विवादित बयान के बाद शौकत अली की बढ़ी मुश्किलें, बहराइच में एफआईआर दर्ज

बहराइच। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उत्तर प्रदेश चीफ शौकत अली एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। पिछले दिनों महाराजा सुहेलदेव पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में बहराइच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मुकदमा हिंदू रक्षा दल के जिला महामंत्री तिलकराम मिश्रा की ओर से दर्ज कराया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि शौकत अली ने महाराजा सुहेलदेव जैसे महान योद्धा का अपमान किया है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दरअसल, बहराइच में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान शौकत अली ने अपने संबोधन में कहा था कि सालार मसूद गाजी लुटेरे नहीं थे, बल्कि सुहेलदेव लुटेरे थे। उन्होंने आगे यह भी कहा था कि सालार मसूद गाजी मुसलमान थे और मुसलमान इंसाफपरस्त होते हैं। जब सुहेलदेव ने अन्याय और अत्याचार शुरू किया तो सालार मसूद गाजी उनके खिलाफ लड़ाई लड़ने आए। शौकत अली के इस बयान से हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया।
हिंदू रक्षा दल सहित कई संगठनों ने इस बयान को इतिहास और जनभावनाओं से छेड़छाड़ करार देते हुए सख्त नाराजगी जताई। हिंदू रक्षा दल के जिला महामंत्री तिलकराम मिश्रा ने थाने में तहरीर देकर शौकत अली और फिरोज बागवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर में मांग की गई है कि इस विवादित बयान के लिए दोनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। संगठन का कहना है कि महाराजा सुहेलदेव देश के गौरव और प्रतीक हैं, जिन्होंने आक्रांताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
ऐसे महानायक को लुटेरा बताना न केवल इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना है, बल्कि जनभावनाओं को भड़काने का प्रयास भी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश चीफ शौकत अली ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर भी एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सनातन और हिंदुत्व की बात करने वाले धीरेंद्र शास्त्री दुबई जाकर शेखों के घर बिरयानी खाते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं।