एमएसएमई उद्यमियों के लिए ब्रांड और ई-कॉमर्स विस्तार पर विशेषज्ञों की अहम टिप्स, जानें कैसे बढ़ाएं ब्रांड वैल्यू और मार्केट पहुंच

MSME for Bharat: एमएसएमई फॉर भारत आयोजन के दौरान ‘ब्रांड डिस्कवरी से लेकर अंतिम-मील डिलीवरी तक’ विषय पर एक सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का संचालन प्रॉफिट फर्स्ट के फाउंडर और सीएफए संजय कथूरिया ने किया। सत्र में ओएनडीसी के संस्थापक एमडी और सीईओ टी. कोशी, एफी लायंस फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य शुभ्रांशु सिंह, निम्बसपोस्ट के सीईओ इरविन आनंद, और कैडी वेंचर्स के संस्थापक एवं एमडी विशाल कौशिक सहित कई विशेषज्ञ शामिल हुए।
ई-कॉमर्स का विस्तार अभी भी सीमित

ब्रांड को सही तरीके से पेश करना अनिवार्य
विशाल कौशिक ने कहा कि उद्यमी को अपने ब्रांड को पहले स्थान पर रखना चाहिए। जो अपने प्रोडक्ट और कस्टमर की जरूरतों पर ध्यान नहीं देते, वे सफल नहीं हो पाते। उन्होंने बताया कि भारत में कंज्यूमर प्राइस सेंसेटिव है, इसलिए प्रोडक्ट में वैल्यू दिखाना और सही तरीके से ब्रांड पेश करना बेहद जरूरी है।
ब्रांड जागरूकता और सोशल मीडिया का महत्व
शुभ्रांशु सिंह ने कहा कि एमएसएमई उद्यमी को हमेशा अपने ब्रांड को पहले रखना चाहिए। देश में हम सभी छोटे व्यवसायी हैं; बिजनेस ठप हो जाए तो ब्रांड भी ठप हो जाता है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया और डिजिटल नेटवर्किंग के जरिए ब्रांड पहचान मजबूत की जा सकती है। उद्यमियों को ब्रांड के प्रति सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है।
लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपेरेंट कम्यूनिकेशन जरूरी
इरविन आनंद ने कहा कि उद्यमियों को यह समझना चाहिए कि उनका ब्रांड दूसरों से कैसे अलग है। इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल कर वे सेल बढ़ा सकते हैं। साथ ही लॉजिस्टिक्स की जानकारी और डिलिवरी के हर चरण पर निगरानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि ब्रांड वैल्यू अंतिम-मील डिलीवरी और ग्राहक अनुभव से तय होती है।
व्यवसाय और जीवन में लचीलापन
अभिनेता परेश रावल ने कहा कि एक्टिंग का फॉर्मूला बिजनेस की दुनिया में काम नहीं करता। मनुष्य हर आपदा और अवसर में ढल जाता है। उन्होंने उद्यमियों को यह संदेश दिया कि चुनौतियों के समय लचीलापन और समर्पण ही सफलता की कुंजी है।