महिला ने घर में बुला रखा था जिगोलो, ससुराल वालों ने पकड़ लिया रंगे हाथ, मुंह कर दिया काला !

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक विवाहिता को उसके परिजन चारों तरफ से घेर कर खड़े हैं और सार्वजनिक रूप से अपमानित कर रहे हैं। महिला का चेहरा ढका हुआ है और वह खुद को बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन फिर भी कुछ लोग जबरन उसके चेहरे पर कालिख पोतते नजर आ रहे हैं।
वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह किसी व्यक्ति — चाहे वह दोषी हो या निर्दोष — को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना, चेहरा काला करना और वीडियो वायरल करना कानूनन अपराध है। ऐसे मामलों में पीड़ित महिला या पुरुष दोनों को मानवाधिकार और निजता का अधिकार प्राप्त है।
यह वीडियो X (पूर्व में ट्विटर) पर @venom1s नामक अकाउंट से शेयर किया गया है, जिसे लाखों लोग देख चुके हैं। कुछ यूजर्स महिला की आलोचना कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग इस पूरे घटनाक्रम को "भीड़ के हाथों न्याय" और "नारी के सार्वजनिक अपमान" के रूप में देख रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता रीना मल्होत्रा ने कहा "अगर कोई महिला दोषी भी हो, तो भी समाज को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। ऐसी घटनाएं महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देती हैं और उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती हैं।"
कानूनी सलाहकार अमित चौधरी कहते हैं, "इस वीडियो को वायरल करना खुद में एक अपराध है। IPC की धारा 354, 509 और IT एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।"
इस प्रकार के वीडियो को शेयर करना, फॉरवर्ड करना या रीपोस्ट करना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। यह न केवल पीड़ित की निजता का उल्लंघन है, बल्कि इससे समाज में गलत संदेश भी फैलता है।