बिहार में सियासी सरगर्मी चरम पर, राहुल गांधी की खामोशी ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें

वोटर अधिकार यात्रा के बाद से गायब राहुल गांधी

मैदान में सक्रिय सभी नेता
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजद नेता तेजस्वी यादव, जनसुराज के प्रशांत किशोर और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार राज्य भर में लगातार सभाएं कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस का प्रचार अभियान धीमा दिख रहा है। जमीनी स्तर पर कांग्रेस की उपस्थिति सीमित है और राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने पार्टी के मनोबल को कमजोर कर दिया है।
टिकट वितरण में देरी और नेतृत्व की कमी
चुनाव से पहले टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में काफी असंतोष देखने को मिला। कई उम्मीदवारों ने हाईकमान पर देरी और भ्रम की स्थिति को लेकर नाराजगी जताई थी। वहीं, जमीनी कार्यकर्ताओं का कहना है कि “हम घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं, लेकिन जब जनता पूछती है कि राहुल गांधी कहां हैं, तो हमारे पास जवाब नहीं होता।” मंच पर शीर्ष नेतृत्व की अनुपस्थिति से कांग्रेस का प्रचार कमजोर नजर आ रहा है।
तेजस्वी बने सीएम फेस
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर लंबी खींचतान के बाद अंततः प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित किया गया। हालांकि इस ऐतिहासिक घोषणा के समय भी राहुल गांधी मंच पर नजर नहीं आए। इसने न केवल गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े किए, बल्कि कांग्रेस की भूमिका पर भी संशय बढ़ा दिया। इसके बाद तेजस्वी यादव ने प्रचार अभियान की कमान संभाली, लेकिन कांग्रेस की निष्क्रियता ने सहयोगी दलों को नाराज कर दिया।
कांग्रेस का बचाव: “कार्यक्रम तय हो गया है”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी की रैलियों की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “हम भीड़ की राजनीति नहीं, बल्कि मुद्दों की राजनीति करते हैं। राहुल जी जब आएंगे, तो बिहार के मुद्दों पर ठोस बात करेंगे।” हालांकि, सियासी विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव प्रचार के चरम समय में उनकी अनुपस्थिति ने कांग्रेस की स्थिति कमजोर कर दी है।
राहुल गांधी की चुप्पी पर बढ़ रही अटकलें
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की चुप्पी और दूरी की वजह पार्टी के अंदर टिकट बंटवारे और गठबंधन रणनीति पर मतभेद हो सकते हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सीएम फेस और सीट शेयरिंग को लेकर समय पर निर्णय न होना भी असंतोष की जड़ है। इन आंतरिक मुद्दों के चलते कांग्रेस का अभियान कमजोर हुआ है।
बीजेपी ने उठाया राहुल गांधी की अनुपस्थिति का मुद्दा
भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति को सियासी हथियार बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा, “राहुल गांधी को बिहार के मतदाताओं पर भरोसा नहीं है, इसलिए वो चुनावी मैदान से दूर हैं।” बीजेपी इस बयान के जरिए कांग्रेस पर लगातार हमले कर रही है और इसे नेतृत्व की कमजोरी करार दे रही है।
पोस्टर और रोड शो हैं
कई कांग्रेस प्रत्याशियों ने कहा कि वे लगातार प्रचार में लगे हुए हैं, रोड शो कर रहे हैं, लेकिन जनता राहुल गांधी को देखने की मांग कर रही है। “भीड़ उन्हें सुनना चाहती है, उनके बिना अभियान अधूरा लगता है,” एक प्रत्याशी ने कहा। कार्यकर्ताओं का मानना है कि राहुल गांधी के बिहार आने से पार्टी का माहौल और वोटर का जोश बढ़ेगा।
बिहार में अब सबकी निगाह राहुल गांधी पर
बिहार में अब चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। सभी प्रमुख नेता मैदान में हैं, लेकिन राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने कांग्रेस के भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता और समर्थक अब यह जानना चाहते हैं कि आखिर कब राहुल गांधी बिहार आकर चुनाव में बिगुल फूंकेंगे।
