Bihar: क्या झूठ बोलकर जेल जाने से बचे सम्राट चौधरी? Prashant Kishor ने डिप्टी CM पर लगाया यह आरोप

पटना। बिहार की सियासत में नया विवाद खड़ा हो गया है जो बिहार के राजनीतिक हलकों में हलचल मचाने वाला है. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सम्राट चौधरी एक पुराने हत्याकांड में अभियुक्त थे, लेकिन अदालत में गलत दस्तावेज़ पेश कर उन्हें नाबालिग दिखाया गया और केस से राहत दिलाई गई।
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर आरोप लगाया कि वे अतीत में हत्याकांड के अभियुक्त थे लेकिन अदालत में गलत जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर उन्हें नाबालिग मानकर छोड़ दिया गया. पीके ने तर्क दिया कि सम्राट चौधरी का 2020 का चुनावी हलफनामा उनकी उम्र 51 साल बताता है, यानी 1995 में उनकी उम्र 25-26 साल थी. ऐसे में नाबालिग मानकर बरी करना न्याय प्रणाली के साथ ही सम्राट चौधरी की नैतिकता पर सवाल खड़े करता है.
सबसे बड़ी बात वह आज उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं।
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि यह मामला सात लोगों की हत्या से जुड़ा था. उनका कहना है कि इतने गंभीर अपराध में अभियुक्त होने के बावजूद गलत उम्र बताकर बच निकलना न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. उन्होंने कहा कि जब तक किसी आरोपी को कोर्ट से क्लीन चिट नहीं मिलती, तब तक उसे जेल में रहना चाहिए.
बता दें कि वर्ष 1995 में मुंगेर जfले के तारापुर थाना क्षेत्र में सात लोगों की सामूहिक हत्या हुई थी. कुशवाहा समाज के 7 लोगों की हत्या मामले में कई लोगों के साथ मौजूदा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का नाम भी अभियुक्तों में शामिल था।