सरकारी योजनाओं में करोड़ों की ठगी: सरकारी कर्मचारी और साइबर गिरोह का बड़ा खुलासा
Rajasthan News: झालावाड़। राजस्थान में साइबर अपराध की एक बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी और साइबर ठग गिरोह ने मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। यह गिरोह पीएम किसान सम्मान निधि, आपदा प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के सरकारी पोर्टल की फर्जी वेबसाइट बनाकर अपात्र लोगों के बैंक खातों में पैसा स्थानांतरित कर रहा था।
साइबर ठगों की योजना का खुलासा
गिरोह का नेटवर्क और गिरफ्तारियां
झालावाड़ पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारी रमेश और वासुदेव शामिल हैं। इसके अलावा दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। पांच अन्य सदस्य अभी फरार हैं, जिन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
पिछले बड़े खुलासे और बरामदगी
22 अक्टूबर को पुलिस ने इसी गिरोह के 30 सदस्यों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 53 लाख रुपये, 35 लैपटॉप, 70 मोबाइल और 14 कारें बरामद की थीं। गिरोह के अधिकांश सदस्य राजस्थान के जयपुर, दौसा, भरतपुर और जोधपुर जिले के मूल निवासी हैं, जबकि इनके संपर्क पंजाब और दिल्ली तक फैले हुए हैं।
संदिग्ध खातों पर पुलिस की कार्रवाई
झालावाड़ जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि अब तक 11 हजार संदिग्ध बैंक खाते डेबिट फ्रीज करवाए गए हैं, जिनमें करीब एक करोड़ रुपये राशि मिली। जांच में यह भी सामने आया कि एक ही मोबाइल नंबर से 95 अलग-अलग किसानों की आईडी बनाई गई थी। गिरोह के सदस्यों ने अपात्र लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाया और अपने खातों से जोड़कर योजनाओं के पैसों को हड़प लिया।
साइबर सुरक्षा और भविष्य की रणनीति
पुलिस और राज्य सरकार अब इस तरह के साइबर अपराधों को रोकने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल लेन-देन की निगरानी बढ़ाई जाएगी और सरकारी पोर्टल की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
