हरियाणा के जिला परिषद कर्मियों की दीपावली फीकी, नौ माह से नहीं मिला वेतन — आर्थिक तंगी में गुज़रा त्यौहार
Haryana News: हरियाणा के जिला परिषद कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की दीपावली इस बार खुशियों से ज्यादा चिंता में बीती। करीब 150 से अधिक कर्मचारी पिछले नौ महीनों से वेतन का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनके घरों में आर्थिक तंगी गहराती जा रही है। ये सभी कर्मचारी पंचायती राज योजनाओं की निगरानी और सुपरविजन का काम जिला स्तर पर कर रहे हैं, लेकिन नियमित कार्य के बावजूद उन्हें एक भी महीने का वेतन नहीं मिला।
ठेकेदार हटे, पर समाधान नहीं आया
चार से पांच साल से लगातार सेवा
इन कर्मचारियों में कई ऐसे हैं जो पिछले चार से पांच वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहे हैं। प्रोजेक्ट ऑफिसर, असिस्टेंट सीईओ और कंसलटेंट जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत ये कर्मचारी पंचायती राज योजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं। फिर भी, इतने वर्षों की निष्ठा और अनुभव के बावजूद उन्हें वेतन और भविष्य की स्थिरता दोनों से वंचित रहना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की गुहार: “कब मिलेगा हमारा हक़?”
वेतन और नियुक्ति की स्थिति स्पष्ट करने की मांग को लेकर कर्मचारी कई बार विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार से मिल चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने विभाग के तत्कालीन निदेशक डी.के. बेहरा से भी वार्ता की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।
अब कर्मचारी नए निदेशक अशोक कुमार मीणा से मिलने की तैयारी में हैं, ताकि वेतन और पदस्थापन को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जा सके।
आर्थिक दबाव से जूझते परिवार
फरवरी से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों के परिवारों पर आर्थिक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई, घर का किराया, दवाइयां और रोजमर्रा के खर्च पूरे करना अब लगभग असंभव हो गया है। दीपावली जैसे त्योहार पर जहां पूरे राज्य में रोशनी की चमक थी, वहीं इन परिवारों के घरों में अंधेरा और चिंता का माहौल पसरा रहा।
