कोरोना काल में डॉक्टर पर हथौड़े से हमला करने वाले को 7 साल की जेल,समाज में डॉक्टरों की सुरक्षा सर्वोपरि
Maharashtra News: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक महिला डॉक्टर पर हमला और लूटपाट के मामले में अदालत ने आरोपी को सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि यह फैसला डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर एक कड़ा संदेश देने का काम करेगा और समाज को यह समझाएगा कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अदालत ने दिया सख्त संदेश, लगाया 20,000 का जुर्माना
भारतीय दंड संहिता और डॉक्टर संरक्षण कानून के तहत दोषी करार
अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत घर में घुसकर हमला करने और हथियार से लूट करने का दोषी पाया। इसके साथ ही, उसे डॉक्टरों और चिकित्सा संस्थानों पर हिंसा रोकथाम अधिनियम, 2019 के तहत भी दोषी ठहराया गया। अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने की राशि में से 10,000 डॉक्टर को मुआवजे के रूप में दिए जाएं।
हमले का मामला: RT-PCR टेस्ट के बहाने क्लिनिक पहुंचा था आरोपी
अतिरिक्त लोक अभियोजक आर. पी. पाटिल ने अदालत को बताया कि घटना 3 जनवरी 2021 की है, जब देश में कोविड-19 महामारी चरम पर थी। आरोपी राशिद खान, डॉ. गायत्री नंदलाल जायसवाल के भायंदर स्थित क्लिनिक में RT-PCR टेस्ट की जानकारी लेने के बहाने पहुंचा। डॉक्टर ने उसे इंतजार करने को कहा, जिस पर वह नाराज होकर चला गया।
हथौड़े से किया हमला, लूटे गहने और नकद पैसे
कुछ देर बाद आरोपी वापस लौटा और लोहे के हथौड़े से डॉक्टर पर बेरहमी से हमला कर दिया। उसने डॉक्टर के सिर पर कई वार किए, जिससे गंभीर चोटें आईं। हमले के बाद आरोपी ने डॉक्टर की सोने की चेन, अंगूठी, मोबाइल फोन और 5,000 नकद लूटे और मौके से फरार हो गया।
गंभीर सिर की चोट से बाल-बाल बची डॉक्टर की जान
डॉक्टर को सिर पर गहरी चोटें आईं, जिससे मस्तिष्क में खून का थक्का (ब्लड क्लॉट) बन गया। अदालत ने कहा कि यह चोटें ‘गंभीर श्रेणी’ की हैं और यदि समय पर इलाज न होता, तो यह जानलेवा साबित हो सकती थीं। अदालत ने माना कि यह अपराध न केवल हिंसक था, बल्कि डॉक्टरों के प्रति असुरक्षा की भावना को भी बढ़ाता है।
