गहलोत का बड़ा हमला! वसुंधरा को मौका न देना BJP की सबसे बड़ी गलती, भागवत से मोहब्बत का संदेश देने की अपील

Rajasthan Politics: अजमेर सर्किट हाउस में रविवार सुबह आयोजित प्रेसवार्ता में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए। गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे को बार-बार नजरअंदाज करना भाजपा की सबसे बड़ी गलती है। उन्होंने साफ कहा, “अगर वसुंधरा राजे फिर से मुख्यमंत्री बनतीं तो मजा आता। वह अनुभवी नेता हैं और भाजपा की नेचुरल चॉइस थीं, लेकिन उनकी ही पार्टी उन्हें मौका नहीं दे रही। यह सवाल बीजेपी से पूछा जाना चाहिए कि आखिर क्यों उन्हें दरकिनार किया जा रहा है।”
मोहन भागवत से मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देने की उम्मीद
RSS और काशी-मथुरा बयान पर उठाए सवाल
गहलोत ने भागवत के हालिया बयानों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भागवत कई बार अच्छी बातें करते हैं, लेकिन अचानक ऐसे मुद्दे उठा देते हैं, जिससे विवाद खड़ा हो जाता है।
उन्होंने खासकर काशी और मथुरा को लेकर स्वयंसेवकों को छूट देने वाले बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा-“अगर स्वयंसेवक को छूट है, तो वही तो RSS है। फिर ऐसी बयानबाजी क्यों की जाती है, जिससे देश में भ्रम की स्थिति पैदा हो? पूरा देश चुप जरूर है, लेकिन चिंतित भी है कि आखिर यह दिशा कहां ले जाएगी।”
‘मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी’-आयुष्मान भारत पर तंज
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह योजना असल में मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए सोशल इकोनॉमिक कास्ट सेंसस पर आधारित है। उसी सर्वे के पात्र लोगों के लिए यह योजना बनी थी।
गहलोत ने दावा किया कि उनकी सरकार ने पूरे राजस्थान के लिए स्वास्थ्य योजना चलाई थी, जो जनता की सबसे बड़ी जनकल्याणकारी योजना थी। लेकिन उसे कमजोर कर दिया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा-“मेरी फोटो वाली किट बंद कर दी, भजनलाल शर्मा की फोटो लगा देते, लेकिन योजना क्यों बंद की गई?”
पीएम मोदी पर बोले-व्यक्तिगत विरोध नहीं, विपक्ष की जिम्मेदारी
गहलोत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नहीं हैं। लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा-“हम प्रधानमंत्री को कब तक छोड़ेंगे? आखिरकार बोलना तो पड़ेगा। दिल्ली से लेकर राजस्थान और गांव-गांव तक की स्थिति उन्हें खुद देखनी चाहिए। विपक्ष का काम सवाल उठाना है, लेकिन इसे व्यक्तिगत विरोध समझना गलत है।”
अजमेर दौरे के बाद जयपुर रवाना
प्रेसवार्ता के बाद गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए। इससे पहले शनिवार को उन्होंने अजमेर के स्वास्तिक नगर सहित कई प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की।