बीड़ी-बिहार विवाद के बाद लालू का वार - “फैक्ट्री गुजरात, वोट बिहार से?”
.jpeg)
पटना। बिहार की सियासत में इस समय एक सोशल मीडिया पोस्ट से जबरदस्त हलचल मच गई है। यह पोस्ट कांग्रेस की केरल इकाई ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से किया था।
दरअसल, कांग्रेस केंद्र सरकार की जीएसटी नीतियों पर कटाक्ष कर रही थी। पार्टी का निशाना जीएसटी दरों में किए गए बदलाव पर था, लेकिन जिस तरह से संदेश लिखा गया, उसने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया। पोस्ट में लिखा गया था, “बीड़ी और बिहार, दोनों ‘बी’ से शुरू होते हैं, और अब इन्हें पाप नहीं माना जा सकता।” यह बयान जीएसटी दरों में बीड़ी पर की गई कटौती पर व्यंग्य था, मगर इसमें बिहार का नाम जोड़ दिया गया, जिसे राज्य के नेताओं और आम जनता ने अपमानजनक माना।
बीजेपी ने इसे हाथों-हाथ लिया और कांग्रेस पर करारा हमला बोला। बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने इस बयान को “पूरा बिहार का अपमान” करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यही असली सोच है, जो बार-बार सामने आती रहती है। सम्राट चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी बिहार के लोगों को नीचा दिखाने का हर मौका ढूंढती है, और यह बयान उसी मानसिकता की झलक है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि बिहार को बीड़ी के साथ जोड़ना न केवल अपमान है, बल्कि जानबूझकर राज्य की छवि खराब करने की साजिश भी है।
दबाव बढ़ता देख कांग्रेस ने यह विवादित पोस्ट हटा दिया, लेकिन तब तक यह मुद्दा बिहार की सियासत में गहराई तक पैठ चुका था।
इस बीच, राजनीतिक तापमान और बढ़ाने का काम किया राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, “ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में? ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा।” लालू यादव के इस बयान को बीजेपी पर सीधा हमला माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी बिहार से जीत तो चाहती है, लेकिन निवेश, विकास और उद्योगों के मामले में प्राथमिकता गुजरात को देती है।
कुल मिलाकर, कांग्रेस के एक सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ विवाद अब बिहार की राजनीति का नया मुद्दा बन गया है। एक ओर बीजेपी कांग्रेस पर बिहार का अपमान करने का आरोप लगा रही है, दूसरी ओर कांग्रेस अपनी सफाई देने में जुटी है, और तीसरी ओर लालू यादव इस विवाद का इस्तेमाल बीजेपी पर हमले के नए मौके के तौर पर कर रहे हैं। यह मामला न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा में है, बल्कि जमीनी स्तर पर भी बिहार की जनता के बीच बहस का विषय बन चुका है। इसे लेकर राजनीतिक दलों के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति और भी गरमा सकती है।