राजस्थान में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर हाईकोर्ट सख्त, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब
Rajasthan News: राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा को लेकर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जोधपुर स्थित मुख्य पीठ और जयपुर स्थित खंडपीठ ने राज्य सरकार को 6 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार से भी विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है ताकि सड़क सुरक्षा से जुड़ी खामियों पर ठोस कार्रवाई की जा सके।
सड़क सुरक्षा पर मांगा जवाब
जयपुर पीठ ने राजमार्ग सुरक्षा पर मांगी विस्तृत रिपोर्ट
जयपुर स्थित खंडपीठ में न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह राजमार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट पेश करे। अदालत ने सड़क सुरक्षा में जवाबदेही तय करने पर भी बल दिया। न्यायमूर्ति अनुरूप सिंघी और न्यायमूर्ति पी.एस. भाटी की खंडपीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘जीवन का अधिकार’ सुरक्षित रहना चाहिए और हाल की घटनाओं ने सड़क सुरक्षा की तात्कालिकता को उजागर किया है।
हाल की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
पिछले कुछ महीनों में राजस्थान में कई दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जैसलमेर में एसी स्लीपर बस में आग लगने से 26 लोगों की मौत हुई थी। फलौदी में टेम्पो ट्रैवलर और ट्रक की टक्कर में 15 लोगों की जान चली गई, जबकि जयपुर में एक डम्पर ने एक दर्जन से ज्यादा वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे 14 लोगों की मौत हुई। अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकारी लापरवाही की पोल खोलती हैं और तत्काल सुधारात्मक कदम जरूरी हैं।
कई विभागों को सौंपा गया जवाबदेही का दायरा
हाईकोर्ट ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, गृह, राजस्व, स्थानीय निकाय और एनएचएआई विभागों को निर्देश दिया है कि वे सड़क और सार्वजनिक सुरक्षा के मुद्दों पर अपना पक्ष रखें। अदालत ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल और अतिरिक्त महाधिवक्ता से समन्वय स्थापित कर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही, पांच न्यायमित्रों की नियुक्ति की गई है जो सड़क सुरक्षा से जुड़े सुधारात्मक सुझावों का एक साझा दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत करेंगे।
