हल्द्वानी रेस्टोरेंट में पानी की जगह एसिड परोसा गया, 12 साल बाद पीड़िता को मिला न्याय

Uttrakhand News: हल्द्वानी के मचान रेस्टोरेंट से जुड़े 2013 के बहुचर्चित मामले में आखिरकार 12 साल बाद न्याय मिला है। उस समय महिला धीरज साहनी अपने परिवार के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाने गई थीं, लेकिन उन्हें पानी की जगह एसिटिक एसिड परोसा गया था। घटना के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और मामला न्यायालय तक पहुंचा था।
शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श त्रिपाठी की अदालत ने रेस्टोरेंट संचालक अखिलेश सेमवाल को दोषी मानते हुए दो वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि पीड़िता धीरज साहनी को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। यह फैसला 14 गवाहों के परीक्षण और सबूतों के आधार पर सुनाया गया।
खाने के साथ दी गई थी एसिड से भरी बोतल
मामला 19 दिसंबर 2013 का है। धीरज साहनी अपने परिवार के साथ दुर्गा सिटी सेंटर स्थित मचान रेस्टोरेंट में डिनर के लिए पहुंची थीं। खाने के साथ परोसी गई पानी की बोतल पीने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। जब जांच हुई तो पाया गया कि बोतल में पानी नहीं बल्कि एसिटिक एसिड था। इस लापरवाही ने महिला की जान तक खतरे में डाल दी थी।
14 गवाहों की गवाही के बाद हुआ फैसला
इस मामले की विवेचना उप-निरीक्षक राजेश कुमार यादव ने की थी। वहीं, न्यायालय में इसकी पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी शेफाली शर्मा ने की। अदालत ने सभी 14 गवाहों का परीक्षण करवाने के बाद यह फैसला सुनाया। अदालत का यह आदेश लंबे समय से न्याय की उम्मीद लगाए बैठी पीड़िता और उसके परिवार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।