चौखुटिया बना संघर्ष का प्रतीक: स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सड़क पर उतरे गांव-गांव के लोग, मातृशक्ति और युवाओं ने खोला मोर्चा

Uttarakhand News: अल्मोड़ा ज़िले के चौखुटिया क्षेत्र में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली अब जनआक्रोश में बदल गई है। बुधवार को गांव-गांव से महिलाएं, युवा और बुजुर्ग हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर आए। उन्होंने विशाल रैली निकालकर सरकार से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लोगों में ऐसा गुस्सा पहली बार देखने को मिला जब पूरा क्षेत्र एकजुट होकर परिवर्तन की आवाज़ बन गया।
जनता की पुकार - डॉक्टर दो, अस्पताल बचाओ

14 दिन से अनशन पर बैठे आंदोलनकारी
चौखुटिया के इस जनआंदोलन की नींव 14 दिन पहले रखी गई थी जब लोकल कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू की थी। बावजूद इसके, अब तक सरकार या प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आंदोलनकारियों का कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद प्रशासनिक मौन चिंता का विषय है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है।
ग्रामीणों की पीड़ा - प्रसव और आपात सेवाएं ठप
गांवों से आई महिलाओं ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की स्थिति बेहद गंभीर है। प्रसव के दौरान महिलाओं को नज़दीकी शहर तक कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। आपातकालीन सेवाओं की कमी के कारण कई बार जान पर भी बन आती है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केवल घोषणाएं करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत आज भी दयनीय है।
व्यापारियों का भी समर्थन, बंद रहीं दुकानें
प्रदर्शन के समर्थन में चौखुटिया बाजार के व्यापारियों ने भी बुधवार को अपनी दुकानें स्वेच्छा से बंद रखीं। दिनभर बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों ने कहा कि जब तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ नहीं किया जाता, वे आंदोलन के साथ खड़े रहेंगे। उनका कहना है कि यह लड़ाई किसी एक वर्ग की नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की है, और इसे नज़रअंदाज करना सरकार के लिए महंगा साबित हो सकता है।
सामाजिक संगठन और युवाओं की सक्रिय भूमिका
रैली में कई सामाजिक संगठनों, युवाओं और स्वयंसेवकों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। चौखुटिया नगर पूरी तरह आंदोलन का केंद्र बन गया। युवाओं ने सोशल मीडिया पर भी “स्वास्थ्य अधिकार आंदोलन” नाम का ऑनलाइन अभियान शुरू किया है ताकि आवाज़ दूर तक पहुंचे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा लेकिन जनता ने साफ कर दिया कि यह सिर्फ शुरुआत है, अगर स्थिति न सुधरी तो अगला चरण और बड़ा होगा।
सरकार पर बढ़ा दबाव, इंतजार निर्णायक कार्रवाई का
लगातार बढ़ते जनदबाव के बीच अब राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की निगाहें चौखुटिया पर टिक गई हैं। आंदोलन की बढ़ती तीव्रता ने शासन को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन ने आंदोलनकारियों के साथ संवाद की कोशिश शुरू की है, लेकिन जनता स्पष्ट कह रही है - अब वादे नहीं, कार्रवाई चाहिए।