बिहार चुनाव का बिगुल बजा: जेडीयू ने जारी की पहली लिस्ट, 57 प्रत्याशियों को मिला टिकट - NDA में सीट शेयरिंग पूरी

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ती जा रही है। एनडीए गठबंधन ने सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया है, जिससे सत्ताधारी दलों की रणनीति अब पूरी तरह स्पष्ट होती दिख रही है। बीजेपी और ‘हम’ के बाद जेडीयू ने भी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें कुल 57 नेताओं को टिकट मिला है।
जेडीयू की पहली लिस्ट ने दी चुनावी दिशा

एनडीए में पूरी हुई सीट शेयरिंग, बने नए समीकरण
एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से चल रही बातचीत अब समाप्त हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी, जेडीयू और ‘हम’ पार्टी के बीच समझौता हुआ है, जिसके तहत सभी पार्टियां अपने-अपने क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारने की तैयारी में हैं। इस समझौते से गठबंधन के भीतर मजबूती का संकेत मिला है, जो विपक्ष के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है।
महागठबंधन में मंथन जारी, आज हो सकता है ऐलान
वहीं दूसरी ओर महागठबंधन भी अपने भीतर सीट शेयरिंग पर विचार कर रहा है। आरजेडी की अगुवाई में कांग्रेस, वामदल और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां इस बंटवारे को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। राजनीतिक सूत्रों की माने तो आज ही महागठबंधन सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान कर सकता है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ‘एकजुटता’ को बनाए रखना ही इस चुनाव में जीत की कुंजी होगी।
उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी पर बढ़ी चर्चा
चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है - आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी। उन्हें महागठबंधन के भीतर सीट वितरण पर असंतोष बताया जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि नाराजगी दूर नहीं हुई, तो वे अलग रास्ता भी अपना सकते हैं। कुशवाहा का रुख बिहार के मध्य और दक्षिणी इलाकों की कई सीटों पर प्रभाव डाल सकता है।
जेडीयू की रणनीति और नीतीश कुमार का फोकस
जेडीयू की पहली लिस्ट से यह साफ झलकता है कि पार्टी ग्रामीण इलाकों, महिला प्रत्याशियों और विकास कार्यों पर फोकस कर रही है। नीतीश कुमार ने संगठन को सक्रिय करते हुए जमीनी स्तर पर प्रचार की रणनीति तैयार कर ली है। जेडीयू का मकसद है कि 2020 के प्रदर्शन को दोहराया जाए और विपक्ष के बिखरे मोर्चे का फायदा उठाया जाए।
चुनावी जंग अब खुले मैदान में
अब जब दोनों गठबंधनों की रणनीति लगभग तय है, बिहार की राजनीति में अगले कुछ दिनों में बयानबाजी और प्रचार का दौर तेज होना तय है। जेडीयू और बीजेपी गठबंधन उम्मीद कर रहा है कि जनकल्याण योजनाओं और सुशासन के मुद्दे पर जनता का समर्थन मिलेगा। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, उम्मीदवारों की लिस्ट से लेकर प्रचार शैली तक सबकुछ बिहार के सियासी तापमान को और बढ़ाएगा।