गुजरात की राजनीति में बड़ा फेरबदल तय! दीपावली से पहले मंत्रिमंडल विस्तार, 7 से 10 मंत्री बाहर - नए चेहरों से चमकेगी भूपेंद्र सरकार

Gujarat News: दीपावली से पहले गुजरात की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा और संगठन महामंत्री रत्नाकर दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक के बाद मंगलवार दोपहर गुजरात लौट आए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम मुहर लग गई है और अब किसी भी दिन इसे औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है।
2027 चुनाव से पहले की रणनीति

बड़ी सर्जरी से बदलेगा कैबिनेट गठन
सियासी सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान 16 सदस्यीय कैबिनेट में से 7 से 10 मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है। वहीं, 5 से 7 मौजूदा मंत्रियों को फिर से शामिल करने और नए चेहरों को जोड़ने की तैयारी है। नए मंत्रिमंडल का आकार 20 से अधिक सदस्यों का होगा। भाजपा का उद्देश्य स्पष्ट है — अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाकर एक ऊर्जावान टीम तैयार करना, जो 2027 में पार्टी की नैया पार लगा सके।
पुराने मंत्रियों की जगह नए चेहरे
वर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, गृह मंत्री हर्ष संघवी, उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत, शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानसेरिया, जल आपूर्ति मंत्री कुंवरजी बावलिया और वन राज्य मंत्री मुकेश पटेल जैसे चेहरों की जगह फिलहाल सुरक्षित मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ नेताओं को भी इस बार बड़ा मौका मिलने की संभावना है। इनमें अर्जुन मोढवाड़िया, अल्पेश ठाकोर, सी.जे. चावड़ा और हार्दिक पटेल के नाम चर्चा में हैं।
वापसी की संभावनाएं और राजनीतिक संतुलन
पूर्व मंत्री जीतू वाघाणी, शंकर चौधरी और जयेश रादड़िया की भी मंत्रिमंडल में वापसी की चर्चा जोरों पर है। भाजपा नेतृत्व इन पुराने चेहरों को फिर से शामिल कर पार्टी के संगठनात्मक अनुभव और स्थिरता को मजबूत करना चाहता है। वहीं दूसरी ओर, युवा विधायकों को जिम्मेदारी देकर 2027 के लिए ग्राउंड नेटवर्क को सक्रिय करने की योजना है।
सत्ता विरोधी लहर पर नियंत्रण की रणनीति
भाजपा का यह कदम सिर्फ संगठनात्मक नहीं बल्कि जनभावना को साधने की कवायद भी है। पार्टी को उम्मीद है कि नए चेहरों की एंट्री से जनता में ताजगी और भरोसे का संदेश जाएगा, जबकि पुराने और विवादित चेहरों की विदाई से एंटी-इन्कमबेंसी को सीमित किया जा सकेगा। कई जिलों में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर कैबिनेट फेरबदल की रूपरेखा बनाई जा रही है।
अब नज़रें भूपेंद्र पटेल पर
अब पूरे गुजरात की निगाहें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पर टिकी हैं। उनके नेतृत्व में यह तय होगा कि मंत्रिमंडल में कितना व्यापक बदलाव होगा और किन चेहरों को इस नई टीम का हिस्सा बनाया जाएगा। भाजपा के भीतर माना जा रहा है कि दीपावली तक नई कैबिनेट का एलान हो जाएगा। यह फेरबदल न केवल राजनीतिक स्तर पर, बल्कि अगले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।