नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट पार्क में नए जिप्सी संचालकों को बड़ी राहत देते हुए रजिस्ट्रेशन के बनी गाइडलाइन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार सहित सभी पक्षकारों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने और कार्बेट पार्क के निदेशक को जिप्सी पंजीकरण की तिथि बढ़ाने और सभी को मौका देने का आदेश दिया है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार रामनगर निवासी चक्षु करगेती, सावित्री अग्रवाल व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कॉर्बेट पार्क में जिप्सी के लिए लॉटरी प्रक्रिया भाग लेने के लिए गाइडलाइन बनाई गई है उसमें सभी परमिट होल्डर जिनके पास वैलिड परमिट है और शर्तों को पूरा कर रहे हैं।
चाहे वे पुराने परमिट धारक हो या फिर नए, उन सब को लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन विशेष कैटिगरी की जिप्सी स्वामी को पंजीकृत किया जा रहा है और दो वर्ष पुराने पंजीकृत जिप्सियों को प्रतिभाग नहीं करने दिया जा रहा है। जबकि इन लोगों के पिछले वर्ष आरटीओ से परमिट प्राप्त किए हैं। उनको इसमें प्रतिभाग न करने की वजह से जिप्सी संचालक बेरोजगार हो गए हैं। काेर्ट में मांग की गई कि यह सभी स्थानीय लोग हैं और उनको भी रोजगार दिया जाय। इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि जिन को परमिट दिया गया, मानकों के अनुरूप दिया गया है। जो मानक पूर्ण नहीं करते हैं, उन्हें लिस्ट से बाहर किया गया है।