इच्छाड़ी डैम में पानी छोड़ते ही बढ़ा खतरा, नदी में फंसे मजदूरों की जान बचाने को ‘साथियों’ ने बनाया मानव-सेतू; अधिकारी नदारद
Uttarakhand News: इच्छाड़ी डैम से अचानक पानी छोड़े जाने के बाद टोंस नदी में फंसे श्रमिकों और पोकलैंन ऑपरेटर का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जब नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा, तब मौके पर मौजूद मजदूरों ने ही अपनी सूझबूझ से एक-दूसरे की जान बचाने का प्रयास किया। इस दौरान किसी ने लोहे की सीढ़ी लगाई, तो किसी ने फ्लेक्सिबल पाइप फेंककर फंसे ऑपरेटर तक मदद पहुंचाई।
चेतावनी सायरन के बावजूद तीन लोग फंसे
साथियों का हौसला और मशीन पर फंसे ऑपरेटर की जद्दोजहद
पानी के बढ़ते दबाव के बीच श्रमिकों ने फंसे ऑपरेटर को हिम्मत बंधाई। किसी ने उसे मशीन से कूदने से मना किया, तो किसी ने बहाव को रोकने के लिए लोहे की सीढ़ी पानी में डाल दी। वहीं, एक श्रमिक ने फ्लेक्सिबल पाइप फेंककर ऑपरेटर को पकड़ने का सहारा दिया। इन प्रयासों की बदौलत ऑपरेटर का संतुलन बना रहा और वह बहने से बच गया।
अधिकारियों की गैरमौजूदगी से उजागर हुई लापरवाही
घटना के समय न तो सिविल विंग का कोई अधिकारी मौके पर था और न ही कोई सुपरवाइज़र। पूरी स्थिति में ठेकेदार और श्रमिकों ने ही रेस्क्यू का जिम्मा संभाला। हादसे के बाद अगले दिन ही अधिकारी स्थल पर पहुंचे और जानकारी एकत्र की। इससे यह सवाल और गहरा हो गया कि क्या डैम प्रबंधन ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया था या नहीं।
रिपोर्ट का इंतजार, लेकिन जिम्मेदारी कौन लेगा?
जल विद्युत निगम के जनसंपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, स्थानीय लोग और श्रमिकों का कहना है कि यदि समय पर मदद न मिलती तो यह एक बड़ा हादसा बन सकता था। घटना ने साफ कर दिया कि जब तक अधिकारी सतर्क नहीं होंगे, तब तक श्रमिकों की सुरक्षा खतरे में ही रहेगी।
