जम्मू-कश्मीर में बादल फटने का कहर: रियासी में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत, रामबन में 3 मरे, कई लापता

रियासी/रामबन। जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश ने कहर बरपा रखा है। शुक्रवार रात रियासी जिले के माहौर इलाके में बादल फटने से एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। वहीं, शनिवार तड़के रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में बादल फटने की एक और घटना सामने आई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को दहशत और शोक में डुबो दिया है।
रियासी के माहौर इलाके में शुक्रवार देर रात जब सभी लोग गहरी नींद में थे, तभी अचानक बादल फटा और एक मकान पर पूरा मलबा गिर पड़ा। इस दर्दनाक हादसे में नजीर अहमद (37 वर्ष), उनकी पत्नी वजीरा बेगम (35 वर्ष) और उनके पांच छोटे बच्चों की मौत हो गई।
स्थानीय विधायक मोहम्मद खुर्शीद ने मौके पर पहुंच कर जानकारी दी कि भारी बारिश और तूफान के कारण भदौरा ब्रिज बह गया है और सड़क मार्ग बाधित हो गया है, जिससे राहत कार्यों में काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार बेहद गरीब था और सोते समय ही मलबे में दबकर उनकी जान चली गई।
स्थानीय लोगों ने रात में ही रेस्क्यू शुरू किया और सुबह तक सातों शव मलबे से बाहर निकाल लिए गए। खुर्शीद ने सरकार से पीड़ितों को सहायता देने की मांग की है और कहा है कि जीवित बचे किसी भी रिश्तेदार को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी।
रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में शनिवार तड़के बादल फटने की एक और घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य लापता हैं। अचानक आई बाढ़ से कई घर बह गए और कई गांवों का संपर्क टूट गया है।
स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। प्रशासन के अनुसार, प्रभावित गांवों में कुछ घर पूरी तरह बह चुके हैं और कई परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
इन राहत शिविरों में भोजन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
पूरे जम्मू-कश्मीर में आफत बनी बारिश
बीते एक हफ्ते से जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 36 से ज्यादा लोगों की मौत बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में हो चुकी है। रियासी और डोडा जिलों में 9 लोगों की जान जा चुकी है। जम्मू, सांबा और कठुआ जैसे जिलों में भारी नुकसान हुआ है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और अतिरिक्त बचाव दलों को तैनात करने की योजना बनाई जा रही है।