अनुपम खेर ने अभिनेत्री कामिनी कौशल के निधन पर व्यक्त किया दुख
नई दिल्ली। सात दशकों तक भारतीय सिनेमा में राज करने वाली अभिनेत्री कामिनी कौशल अब इस दुनिया में नहीं है। उनका निधन बीते शुक्रवार को 98 साल की उम्र में हो गया है। उनका अलविदा कहना भारतीय सिनेमा के लिए बड़ी क्षति है। अब अनुपम खेर ने अभिनेत्री को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की है।
एक्ट्रेस की पहली ही फिल्म ने कान फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का पाल्मे डी’अवॉर्ड जीता। ये अवॉर्ड उस समय पाना किसी भी निर्देशक और अभिनेत्री के लिए गोल्ड मेडल जीतने के बराबर था। इसके बाद एक्ट्रेस ने बैक टू बैक फिल्में की और अपनी अदायगी से फैंस का दिल जीत लिया। उन्होंने 60, 70 और 80 के दशक के सभी बड़े मेगास्टार के साथ स्क्रीन शेयर की। कामिनी कौशल को साल 1948 में आई फिल्म 'शहीद', 'नदिया के पार', 'जिद्दी', 1949 में आई 'शबनम', 1950 में आई 'आरजू', और साल 1954 में आई 'बिराज बहू' जैसी कई फिल्मों में देखा गया। एक्ट्रेस आखिरी बार आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में दिखीं थी।
फिल्म में एक्ट्रेस ने ट्रेन में मिली एक महिला का रोल प्ले किया था। सिर्फ एक्टिंग में ही नहीं बल्कि कामिनी पढ़ाई में भी अव्वल थी। वे लाहौर के एक अच्छे परिवार से आती थीं। उनका असली नाम उमा कश्यप था। उनके पिता भारतीय वैज्ञानिक जगत के प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री थे। कामिनी को बचपन से ही तैराकी, भरतनाट्यम और घुड़सवारी का शौक था। उन्होंने अपने शौक को पूरा किया और इन सब की तालीम भी ली थी। वे बचपन से ही रंगमंच और रेडियो का हिस्सा रही थीं, जिसकी वजह से अपनी कला को और ज्यादा निखार पाईं।
