मीठा खाते ही आने लगता है चक्कर? जानें आयुर्वेद से कारण और उपाय
नई दिल्ली। सर्दियों में मिठाइयां, गर्म चाय-कॉफी और परांठे खाने का मजा अलग ही होता है, लेकिन कई लोग बताते हैं कि मीठा खाने के बाद अचानक चक्कर आने लगता है, कमजोरी महसूस होती है या हाथ-पांव कांपने लगते हैं, जैसे शरीर कुछ अजीब-सी चेतावनी दे रहा हो। यह बात सुनने में भले चौंकाती हो, लेकिन ऐसा होना काफी आम है और इसके पीछे शरीर की एक बहुत दिलचस्प प्रतिक्रिया काम करती है। जब हम ज्यादा मीठा खा लेते हैं या हाई-कार्ब युक्त भोजन जल्दी-जल्दी खा लेते हैं, तो खून में ग्लूकोज तेजी से बढ़ जाता है।
एड्रेनालिन ही वह कारण है जिससे हाथ कांपने लगते हैं, दिल तेज धड़कने लगता है और अचानक घबराहट या बेचैनी महसूस होती है। कुछ लोगों में यह कमजोरी पानी और खनिजों की कमी से भी बढ़ जाती है। जब शुगर बढ़ता है तो शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज पेशाब के जरिए बाहर निकालने लगता है। इसके साथ सोडियम और पोटेशियम भी निकलते हैं, जिससे मांसपेशियों में भारीपन और थकान होती है। आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो यह स्थिति मंद अग्नि और कफ वृद्धि का संकेत मानी जाती है।
आयुर्वेद के अनुसार, जब खाना ठीक से पचता नहीं या शरीर में कफ बढ़ जाता है, तो भारीपन, नींद आना, सुस्ती, और अचानक थकान जैसी समस्याएं उभरती हैं, और मीठा व ज्यादा कार्ब वाला भोजन इन स्थितियों को और बढ़ाता है। अगर यह कमजोरी हल्की है और कुछ मिनटों में ठीक हो जाती है, तो आम तौर पर यह शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अगर बार-बार मीठा खाने पर चक्कर, बेहोशी जैसी अनुभूति, दिल की धड़कन अत्यधिक बढ़ना, पसीना या घबराहट बहुत तेजी से आए, तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर ग्लूकोज को सही संभाल नहीं पा रहा। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।
