शामली में दो वर्षीय मासूम की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप
शामली। शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार को दो वर्षीय मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह मामला शांत कराया।
आप को बता दे थाना बाबरी निवासी वीरेंद्र का दो वर्षीय बेटा वीर बीते सोमवार को उस समय गंभीर रूप से घायल हो गया था, जब ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से मकान की कच्ची दीवार गिर गई थी। घायल वीर को उपचार के लिए शामली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
परिजनों का आरोप है कि सोमवार रात डॉक्टरों ने उपचार में लापरवाही बरती और मंगलवार सुबह बिना आवश्यकता तीन इंजेक्शन लगा दिए, जिससे बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और सीएमओ को शिकायत देने की बात कही है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
उधर, सीएमओ डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं है, शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी।
ग्रामीणों ने चंदा कर जुटाए थे तीस हजार रुपये वही
वीरेंद्र ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के लिए तीस हजार रुपये जमा करने को कहा था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर ग्रामीणों ने आपस में चंदा एकत्रित कर 30 हजार रुपये अस्पताल में जमा कराए। आरोप है कि इसके बावजूद डॉक्टरों ने उचित उपचार नहीं किया, जिससे मासूम की जान चली गई। वही समाचार लिखे जाने तक परिजनों का अस्पताल में हंगामा चल रहा था।
वही जब इस मामले में डॉक्टर से बात की तो डॉक्टर ने बताया कि 10 नवंबर की दोपहर के समय एक दो साल के बच्चे को घायल अवस्था में अस्पताल में लाया गया था। जहां उसके सिर व पैर में चोट थी। जिसके बाद उपचार बच्चे को अस्पताल में दिया गया। रिपोर्ट में पता चला कि बच्चे के पैर की हड्डी टूटी हुई है। जिसके बाद परिजनों को कहा गया कि बच्चे का पैर का ऑपरेशन होगा। और बच्चे को एडमिट कर लिया गया था। बच्चे को सुबह इंजेक्शन लगाए गए थे। जिसमें गैस दर्द एंटीबायोटिक इंजेक्शन थे। आरोप निराधार है।
