बिजनौर से बसपा प्रत्याशी रहे बिजेंद्र सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट घोटाले में दी जमानत

हापुड़। फर्जी डिग्री और मार्कशीट घोटाले के मुख्य आरोपी विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। विजेंद्र, जो पिलखुवा स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं, मई 2025 से जेल में बंद थे। बिजेंद्र सिंह पिछले लोकसभा चुनाव में बिजनौर क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड चुके हैं।

कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया जमानत का मामला बनता है, लेकिन मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की गई।
मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बनाने का खुलासा एसटीएफ की टीम ने किया था। थाना पिलखुवा में दर्ज मामले में जांच के दौरान पता चला कि यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जी मार्कशीट, डिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट तैयार किए जा रहे थे।
मई 2025 में एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी पर छापेमारी कर 1,372 फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट जब्त की थीं। इसके अलावा मोबाइल फोन, लैपटॉप और नकद राशि भी बरामद हुई। इस मामले में विजेंद्र समेत दस लोग गिरफ्तार हुए थे, जिनमें यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह, स्टाफ कमल बत्रा और अन्य शामिल थे।
एसटीएफ के अनुसार, यह रैकेट कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की फर्जी डिग्रियां तैयार कर रहा था, और मोनाड यूनिवर्सिटी इसका मुख्य केंद्र था। वहीं, मार्च 2025 में एक अन्य फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड दानिश मिश्रा को आगरा से गिरफ्तार किया गया था। दानिश के कब्जे से मोनाड यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों की फर्जी डिग्रियां बरामद हुई थीं।
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