बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसक बवाल, 10 पुलिसकर्मी घायल – डीआईजी बोले, ‘सुनियोजित साजिश’

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद आई लव मुहम्मद पोस्टर विवाद के चलते हिंसा भड़क गई। आईएमसी नेता मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर मस्जिदों से भारी संख्या में लोग जुटे और तीन-चार स्थानों पर जुलूस निकाले गए। प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट किया था कि किसी भी प्रकार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन इसके बावजूद भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया।
भीड़ और हिंसा का विवरण
डीआईजी बरेली रेंज अजय साहनी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने प्रदर्शन का आह्वान किया और बवाल फैलाया, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
प्रशासन और पुलिस की तैयारी
डीआईजी ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ही प्रशासन, एसएसपी और पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद थे। पुलिस ने फील्ड में लगातार लोगों से बातचीत कर उन्हें यह जानकारी दी कि प्रदर्शन की कोई मंजूरी नहीं है। इसके कारण करीब 90-95 फीसदी लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से नमाज पढ़ी और अपने घरों को लौट गए।
लेकिन कुछ प्लांटेड लोगों ने अलग-अलग स्थानों पर बवाल मचाया। डीआईजी अजय साहनी ने बताया कि उपद्रवी पहले से हथियार और पथराव की तैयारी के साथ आए थे। शहर के तीन-चार स्थानों पर माहौल गरमाया गया, जिससे पुलिसकर्मी और प्रशासन को चुनौती का सामना करना पड़ा।
सबूतों और कार्रवाई
डीआईजी ने कहा कि पूरी घटना की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई है। पुलिस ने मौके से कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है और वीडियो और फोटो के आधार पर आगे और गिरफ्तारियां की जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि घटना प्री-प्लांड थी और इसमें शामिल सभी लोग सामने आएंगे।
10 पुलिसकर्मियों के घायलों का इलाज चल रहा है। डीआईजी ने बताया कि मामले से संबंधित सभी तथ्य और सबूत जुटाए जा रहे हैं, ताकि उपद्रव के जिम्मेदारों को सजा दिलाई जा सके।
डीआईजी की प्रतिक्रिया
अजय साहनी ने कहा, “जिन लोगों ने भीड़ जुटाई और हिंसा भड़काई, कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना अचानक नहीं हुई बल्कि पूरी तरह से योजना के तहत हुई थी। प्रशासन ने पहले ही लोगों को आगाह किया था, बावजूद इसके कुछ खुराफाती तत्वों ने अलग-अलग स्थानों पर बवाल मचाया।”
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस और प्रशासन ने पूरे शहर में लोगों को समझाया और शांतिपूर्ण नमाज पढ़ने वाले 90-95 फीसदी लोगों को सुरक्षा सुनिश्चित की। इस घटना से यह साफ है कि हिंसा के पीछे केवल कुछ उपद्रवी ही जिम्मेदार हैं।
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