मेरठ में दिव्यांग 9 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में आरोपी को आजीवन कारावास, 55 हजार रुपये अर्थदंड
मेरठ। ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के तहत मुण्डाली थाना पुलिस और मॉनिटरिंग सेल की सशक्त, प्रभावी पैरवी के चलते स्पेशल जज पोक्सो एक्ट, मेरठ की अदालत ने शुक्रवार को नौ वर्ष की दिव्यांग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को आजीवन कठोर कारावास और 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।अदालत ने यह सजा वीरेन्द्र पुत्र सुखवीर, निवासी ग्राम शाफियाबाद लोटी, थाना मुण्डाली को सुनाई। अपराध की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने धारा 376(ए)(बी), 452 भादवि और पोक्सो एक्ट की धारा 5(5)/6 के तहत आजीवन कठोर कारावास का प्रावधान लागू किया।
पुलिस की मजबूत पैरवी और लगातार मॉनिटरिंग की अहम भूमिका रही। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत मेरठ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी किठौर की निगरानी में मामले की हर सुनवाई पर विशेष ध्यान दिया गया। थाना प्रभारी मुण्डाली, मॉनिटरिंग सेल, शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र चौहान व अवकाश जैन, कोर्ट मोहर्रिर हेड कांस्टेबल अरविन्द और पुलिस पैरोकार कांस्टेबल अजय शर्मा की टीम लगातार न्यायालय में उपस्थित रही। पीड़ित बच्ची के पिता ने मुण्डाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी 9 वर्षीय पुत्री मानसिक रूप से मंदबुद्धि है, बोल नहीं पाती और उसके पैरों में भी दिव्यांगता है।
इसी स्थिति का लाभ उठाकर आरोपी घेर में घुसा और बच्ची से दुष्कर्म किया। घटना के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष ने विवेचना संभाली और साक्ष्यों को मजबूत करते हुए आरोप पत्र अदालत भेजा।लगातार मॉनिटरिंग और गुणवत्तापूर्ण विवेचना के कारण मामला कमजोर नहीं हुआ और अदालत में पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य तथा गवाही निर्णायक साबित हुई।अदालत का यह फैसला न सिर्फ पीड़िता के परिवार के लिए न्याय की उम्मीद लेकर आया है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि मेरठ पुलिस गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए किसी भी स्तर पर कमी नहीं छोड़ रही है।
