दिसंबर में लगाइए देसी टिंडा की खेती और कमाइए जबरदस्त मुनाफा यह फसल मात्र 40 दिन में हो जाती है तैयार

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आज हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताने वाले हैं जिसकी खेती दिसंबर में बेहद लाभदायक मानी जाती है। ठंड बढ़ने के बावजूद यह सब्जी कम खर्च में तैयार हो जाती है और बाजार में इसका भाव भी काफी अच्छा मिलता है। खास बात यह है कि यह फसल मात्र 40 दिन में तैयार हो जाती है और सही समय पर बोवाई करने पर मंडियों में बढ़िया भाव मिलते हैं। यदि आप 10 दिसंबर के बाद और 20 दिसंबर से पहले इसकी खेती करते हैं तो आपको अच्छी कमाई होने की पूरी संभावना रहती है।

यह सब्जी है देसी टिंडा जिसकी गर्मियों में मांग बहुत ज्यादा रहती है। कई बाजारों में इसका भाव 60 से 80 रुपये प्रति किलो तक आसानी से पहुंच जाता है। इसकी खेती में रोग और बीमारी बहुत कम लगती है और उत्पादन भी कम समय में अच्छा मिलता है। यदि आपके क्षेत्र में ठंड ज्यादा पड़ती है तो आप क्रॉप कवर का उपयोग करके आसानी से फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।

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देसी टिंडा की अच्छी वैरायटी और सही चुनाव

अगर आप देसी टिंडा की अच्छी वैरायटी ढूंढ रहे हैं तो महीको की माही टिंडा और सागर की नरेश टिंडा किसान भाइयों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा आप अपने क्षेत्र की जलवायु मिट्टी के प्रकार और अपनी मंडी की मांग के अनुसार भी वैरायटी का चयन कर सकते हैं। यह फसल गर्म जलवायु में अधिक उत्पादन देती है लेकिन सर्दी में क्रॉप कवर का सहारा लेकर इसे उगाना पूरी तरह संभव है।

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वैरायटी चुनने के बाद सही खेत और सही दूरी पर रोपाई करना भी बेहद जरूरी है ताकि पौधे स्वस्थ रहें और फलन अच्छा हो सके। अब आगे जानते हैं इसकी खेती कैसे करें।

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देसी टिंडा की खेती कैसे करें

देसी टिंडा की खेती शुरू करने से पहले खेत की तैयारी बहुत सावधानी से करनी चाहिए। खेत की दो से तीन बार अच्छी जुताई करें और हर जुताई के बीच एक से दो दिन का अंतर जरूर रखें। जिस क्षेत्र में भरपूर धूप पड़ती हो ऐसे खेत में इसकी खेती करना हमेशा फायदेमंद होता है क्योंकि इससे फंगस और जड़ फफूंद जैसी समस्याओं से बचाव होता है। मिट्टी में तीन से चार ट्रॉली पुरानी गोबर खाद अच्छी तरह मिला दें ताकि भूमि उपजाऊ और भुरभुरी हो जाए।

इसके साथ ही किसान डीएपी एमओपी और यूरिया की संतुलित मात्रा भी डाल सकते हैं ताकि पौधों की बढ़वार मजबूत हो सके। खेत तैयार होने के बाद लगभग 6 फीट की दूरी पर बेड बनाएं और प्रत्येक पौधे के बीच 1 फीट की दूरी रखें। इसे जिगजैग पद्धति से लगाना भी एक बेहतर विकल्प है जिससे हवा और धूप का प्रवाह अच्छा बना रहता है। देसी टिंडा की खेती जनवरी के पहले सप्ताह तक की जा सकती है लेकिन यदि आपके क्षेत्र में फरवरी में अधिक पाला पड़ता है तो 20 दिसंबर से पहले ही इसकी बोवाई कर देना सबसे अच्छा रहता है। जहां पाला कम पड़ता है वहां किसान थोड़ी देरी से भी इसकी खेती कर सकते हैं।

दिसंबर में देसी टिंडा की खेती किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित हो सकती है। कम अवधि में तैयार होने वाली इस फसल में जोखिम कम होता है और उत्पादन अच्छा मिलता है। सही समय पर बोवाई और उचित देखभाल करके किसान कम समय में शानदार मुनाफा कमा सकते हैं।

Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य कृषि सलाह के लिए है। खेती शुरू करने से पहले अपने क्षेत्र की जलवायु मिट्टी और कृषि विशेषज्ञों की राय अवश्य लें।

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