मुजफ्फरनगर में कॉलेज फीस प्रताड़ना के शिकार छात्र उज्ज्वल राणा को अंतिम विदाई, तिरंगे में लिपटे शव के साथ विशाल प्रदर्शन
डीएवी कॉलेज गेट पर शव रखकर हुआ प्रदर्शन, टिकैत, बालियान, पंकज मलिक, योगराज समेत कई दिग्गजों ने उठाई न्याय की मांग
मुजफ्फरनगर: बुढ़ाना स्थित डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र उज्ज्वल राणा की मौत के बाद सोमवार को मुजफ्फरनगर जिले में अभूतपूर्व जनाक्रोश देखने को मिला। सात हजार रुपए फीस जमा न होने पर परीक्षा फॉर्म जमा करने से रोके जाने के कारण आत्मदाह करने वाले उज्ज्वल ने रविवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। सोमवार दोपहर जब उज्ज्वल का शव बुढ़ाना पहुँचा, तो उसे तिरंगे में लपेटकर कॉलेज के गेट पर रखकर विशाल धरना प्रदर्शन किया गया।
हजारों की भीड़, 'जस्टिस फॉर उज्ज्वल' के नारे
सोमवार सुबह से ही कॉलेज के सामने छात्र-छात्राओं, किसानों और राजनीतिक संगठनों के सदस्यों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। उज्ज्वल का शव आने तक यह संख्या हजारों में पहुँच गई। प्रदर्शनकारियों के हाथों में 'जस्टिस फॉर उज्ज्वल' के बैनर थे और वे लगातार नारेबाजी कर रहे थे। पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर रहा।
राजनीतिक दलों का समर्थन और मुखरता
धरना प्रदर्शन को विभिन्न राजनीतिक दलों और किसान नेताओं का पुरजोर समर्थन मिला। इसमें मुख्य रूप से भारतीय किसान
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यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत, डॉ. संजीव बालियान (पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री),सपा विधायक पंकज मलिक (चरथावल), पूर्व मंत्री योगराज सिंह, रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक और भाजपा के पूर्व विधायक उमेश मलिक शामिल थे।
उमेश मलिक ने DM-SSP को घेरा, आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक ने प्रशासन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने मौके पर मौजूद सीओ और एसडीएम से बात करने से इनकार करते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का यहाँ न होना शोभा नहीं देता। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक जिलाधिकारी और एसएसपी खुद वार्ता के लिए नहीं आते और लिखित मांगों पर ठोस निराकरण का आश्वासन नहीं देते, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
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सांसद संजीव बालियान की भावुक अपील
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने प्रदर्शनकारियों से इस लड़ाई को केवल मुआवजे की मांग तक सीमित न रखने की भावुक अपील की, इसे छात्र के बलिदान का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि असली लड़ाई कॉलेज प्रबंधन में सुधार और व्यवस्थागत खामियों को दूर करने की है। उन्होंने परिवार की आर्थिक मदद के लिए अपनी तरफ से ₹5 लाख की सहायता राशि का ऐलान किया और अन्य लोगों से भी मदद करने की अपील की।
राकेश टिकैत ने दी 'शिक्षा क्रांति' की संज्ञा
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस आंदोलन को शिक्षा के क्षेत्र में एक 'क्रांति' बताया। उन्होंने घोषणा की कि यह आंदोलन लंबा चलेगा और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा। टिकैत ने प्रशासन के सामने चार सूत्रीय मांग पत्र रखा, जिसमें शामिल हैं:
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मृतक छात्र के परिवार के एक सदस्य को स्थायी सरकारी नौकरी।
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परिवार को उचित मुआवजा।
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कॉलेज का नाम बदलकर उज्ज्वल के नाम पर रखना।
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कॉलेज परिसर में उज्ज्वल राणा की प्रतिमा स्थापित करना।
उन्होंने कहा कि उज्ज्वल का नाम 'शिक्षा के अधिकार' (Right to Education) के आंदोलन के साथ जुड़ना चाहिए।
एसपी देहात का सख्त आश्वासन: 24-48 घंटे में होगी गिरफ्तारी
बढ़ते जनाक्रोश के बीच एसपी देहात आदित्य बंसल ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए त्वरित और समयबद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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गिरफ्तारी: एसपी बंसल ने भरोसा दिलाया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें (सर्किल एसओजी और सर्विलांस) गठित की गई हैं और 24 से 48 घंटे के भीतर सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले ही दिन मुकदमा दर्ज हो चुका था, जिसे बाद में परिवार की संतुष्टि के लिए धारा 108 समेत सभी वांछित नाम और धाराएं जोड़कर संशोधित किया गया है।
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जांच: उन्होंने घोषणा की कि डीएम साहब कॉलेज के प्रबंधन और जमीन से जुड़े विवादों की उच्च स्तरीय जांच के लिए दो अलग-अलग कमेटियां गठित करेंगे। कॉलेज के वित्तीय मामलों की जांच में छात्र प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और एक महीने में रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
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प्रतिमा और शोक: एसपी ने प्रदर्शनकारियों की मांग पर आश्वासन दिया कि शाकुंभरी विश्वविद्यालय में एक दिन का शोक रखा जाएगा और कॉलेज परिसर में छात्र उज्ज्वल राणा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
भारी भीड़ के बीच अंतिम विदाई
एसपी देहात के लिखित आश्वासनों पर सहमति बनने के बाद सोमवार शाम को धरना समाप्त हुआ। इसके तुरंत बाद, शाम ठीक सात बजे भारी भीड़ के बीच छात्र उज्ज्वल राणा का अंतिम संस्कार किया गया। सुबह से शाम तक सड़कों पर डटे हजारों प्रदर्शनकारियों, छात्रों, किसानों और स्थानीय लोगों ने उज्ज्वल को कंधा दिया। "उज्ज्वल अमर रहे" और "प्रबंधन मुर्दाबाद" के नारों की गूंज पूरे कस्बे में रही। उज्ज्वल के बड़े भाई विशु ने चिता को मुखाग्नि दी।
