मुजफ्फरनगर में गुर्जर समिति का आक्रोश: भाटी की रिहाई को लेकर ज्ञापन, जिलाध्यक्ष पोरस गुर्जर घर पर नजरबंद

मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रविंद्र सिंह भाटी की गिरफ्तारी को लेकर गुर्जर समाज में आक्रोश गहराता जा रहा है। एक ओर समिति ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मेरठ पुलिस पर गैरकानूनी हिरासत का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति तक अपनी मांग पहुंचाई, वहीं दूसरी ओर गुरुवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया जब समिति के जिलाध्यक्ष पोरस गुर्जर को पुलिस ने उनके घर पर ही रोक दिया।

जानकारी के अनुसार, आज जिलेभर में भाटी की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन और ज्ञापन कार्यक्रम की तैयारी थी। लेकिन कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पुलिस ने पोरस गुर्जर के घर पर दबिश दी और उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया। पुलिस बल की तैनाती के चलते घर पर ही नजरबंद जैसे हालात बन गए। समर्थकों का आरोप है कि यह सरकार की ओर से आंदोलन की आवाज को दबाने का प्रयास है, जबकि पुलिस प्रशासन इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कार्यवाही बता रहा है।
समिति का कहना है कि 22 सितंबर को मेरठ पुलिस ने एडवोकेट रविंद्र सिंह भाटी को बिना किसी ठोस कारण और कानूनी प्रक्रिया का पालन किए हिरासत में लिया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। समिति ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में मांग की है कि इस कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो और भाटी को अविलंब सम्मानपूर्वक रिहा किया जाए।
गौरतलब है कि पोरस गुर्जर हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक साधु गुर्जर के बेटे हैं। उनकी नजरबंदी को लेकर गुर्जर समाज में गहरा रोष व्याप्त है और इस प्रकरण पर चर्चा तेज हो गई है। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।