मुजफ्फरनगर में छात्र उज्ज्वल राणा की मौत पर जन आक्रोश: DAV कॉलेज के बाहर शव रखकर प्रदर्शन, एक करोड़ मुआवजे की मांग
छात्रों ने मृतक की डेड बॉडी के कॉलेज गेट पर पहुंचने से पहले प्रदर्शन शुरू कर दिया। हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नाराबाजी की और कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर धरना शुरू किया। छात्रों का कहना है कि प्राचार्य प्रदीप कुमार द्वारा फीस जमा कराने को लेकर लगातार दबाव बनाया गया।
छात्रों ने निष्पक्ष जांच, संबंधित लोगों पर FIR दर्ज करने और कॉलेज प्रशासनिक ऑडिट की मांग की। प्रदर्शन के दौरान कॉलेज परिसर में पुलिस तैनात की गई।
परिवार के अनुसार उज्ज्वल का परिवार आर्थिक रूप से कठिनाइयों में था। पिता हरेंद्र राणा मजदूरी करते हैं। प्रदर्शनकारी न्याय की मांग करते हुए कहा कि प्राचार्य, मैनेजर और पीटीआई को जिम्मेदार ठहराया जाए, परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।
मृतक ने मरने से पहले वीडियो जारी कर कॉलेज प्राचार्य और पुलिस कर्मियों पर अनुचित व्यवहार और दबाव डालने के आरोप लगाए थे।
मामले में पुलिस प्रशासन की जांच के बाद दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों—सब-इंस्पेक्टर नंदकिशोर, सिपाही विनीत और सिपाही ज्ञानवीर—को लाइन हाजिर किया गया है।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर प्रिंसिपल, मैनेजर, पीटीआई और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिले में पांच टीमों का गठन कर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है।
बुढ़ाना और मुज़फ्फरनगर में छात्रों और स्थानीय संगठनों ने शव के साथ धरना दिया। जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान, रालोद नेता सुधीर भारती और भाकियू नेता अनुज बालियान ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और त्वरित गिरफ्तारी की मांग की।
एसएसपी ने प्रदर्शनकारियों को तीन दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया। कॉलेज प्रबंधक द्वारा की गई सहायता की पेशकश को ग्रामीणों ने अस्वीकार किया।
