पंजाब बाढ़ पीड़ितों ने सरकार से आस छोड़ दी- चौधरी नरेश टिकैत

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कोई राहत न पहुंचाने पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों ने सरकार से आस छोड़ दी है, जबकि किसान भाइयों ने हर संभव मदद का हाथ बढ़ाया है। टिकैत ने जीएसटी को "लूट-खसोट" बताते हुए कृषि यंत्रों पर टैक्स हटाने की मांग की, साथ ही गन्ना मूल्य वृद्धि और युवाओं के कृषि से पलायन पर चिंता जताई।
2025 की पंजाब बाढ़ ने 4 लाख एकड़ फसलें बर्बाद कर दीं, और राज्य सरकार ने 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा घोषित किया है। लेकिन टिकैत के अनुसार, यह अपर्याप्त है और केंद्र से अतिरिक्त 151 करोड़ की मांग की जा रही है।
टोल प्लाजा हत्या कांड पर निंदा मुजफ्फरनगर के छपार टोल प्लाजा पर डिप्टी मैनेजर अरविंद पांडे की हत्या पर टिकैत ने गहरी निंदा की। उन्होंने कहा, "जब बच्चों को रोजगार मिलता है तो वे गुंडागर्दी पर उतारू हो जाते हैं। देर से आने पर डांटने पर कर्मचारियों ने मैनेजर को पीटा और डिप्टी मैनेजर का अपहरण कर हत्या कर दी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।" पुलिस ने हाफ एनकाउंटर में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जयंत चौधरी पर सुझाव टिकैत ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी से अपील की कि वे किसानों के हित में गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग उठाएं। उन्होंने कहा, "जयंत चौधरी धरतीपुत्र चौधरी चरण सिंह के पोते हैं, किसान परिवार से आते हैं। सरकार का अंग होने के नाते उन्हें किसानों की आवाज बुलंद करनी चाहिए। किसानों ने ही उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।" वर्तमान में गन्ना का समर्थन मूल्य 370 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि किसान 450 रुपये की मांग कर रहे हैं।
कृषि से पलायन और जीएसटी पर चिंता टिकैत ने युवा पीढ़ी के कृषि से पलायन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "खेती-किसानी नुकसान का सौदा हो गई है। युवा शहरों की ओर भाग रहे हैं, शहर ओवरलोड हो रहे हैं। सरकार को गांवों में कृषि आधारित रोजगार पर ध्यान देना चाहिए।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के वादे का जिक्र करते हुए कहा, "450 रुपये गन्ने का भाव करने का वादा 11 साल बाद भी अधूरा है।"
जीएसटी पर तीखा प्रहार करते हुए टिकैत ने कहा, "जीएसटी महाभारत जोड़ दिया। कृषि यंत्रों पर 18% जीएसटी है, जो रोजमर्रा के काम के लिए जरूरी हैं। बिजली कनेक्शन पर भी जीएसटी लग रहा है। यह लूट-खसोट है। किसानों को चारों ओर से राहत मिलनी चाहिए। जायज चीजों पर जीएसटी लगे, नाजायज पर नहीं।" हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने कृषि उपकरणों पर टैक्स में कुछ कमी की, लेकिन टिकैत इसे अपर्याप्त मानते हैं।
किसान संगठन का रुख भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में टिकैत ने कहा कि संगठन किसानों की हर समस्या के लिए खड़ा है। उन्होंने सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की। स्थानीय किसानों ने टिकैत के बयानों का समर्थन किया और कहा कि यह आवाज किसान समाज की पीड़ा को बयां करती है।