लखनऊ में भाकियू तोमर की महापंचायत, सरकार को सौंपा 35 सूत्रीय मांग पत्र,बोले- मांगे नहीं मानी गईं तो आंदोलन होगा उग्र

35 सूत्रीय मांग पत्र
चौधरी संजीव तोमर ने किसानों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाते हुए 35 सूत्रीय मांग पत्र आईपीएस ममता रानी को सौंपा, जिसे मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा गया। मांग की गन्ने का भाव ₹500 प्रति क्विंटल किया जाए। किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ हो। बाढ़ प्रभावित किसानों कोमुआवजा मिले। स्मार्ट मीटर पर रोक लगाई जाए। 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को ₹10,000 मासिक पेंशन दी जाए। कृषि यंत्रों पर 50% छूट दी जाए। मुजफ्फरनगर में एम्स अस्पताल की स्थापना हो। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित हो। भ्रष्टाचार पर सरकार सख्त कदम उठाए।
चौधरी संजीव तोमर ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो किसान अगली बार ईको गार्डन में नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे। उन्होंने कहा, "इसकी जिम्मेदारी लखनऊ प्रशासन और सरकार की होगी।"
महापंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतिनिधि पवन त्यागी, लखनऊ महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुरु प्रसाद, कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष महबूब बालियान, पश्चिम यूपी प्रदेश अध्यक्ष रिहान, युवा विंग प्रदेश अध्यक्ष अक्षित गुर्जर, हनी बालियान, दीपक तोमर, चंदन त्यागी सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पंचायत में उमड़े जनसैलाब ने किसानों की एकजुटता और आंदोलन की ताकत को दर्शाया। किसानों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना नहीं कर सकती। भाकियू तोमर ने स्पष्ट किया कि यह महापंचायत केवल शुरुआत है, और जरूरत पड़ने पर आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
लखनऊ प्रशासन ने शांतिपूर्ण पंचायत के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। आईपीएस ममता रानी ने मांग पत्र स्वीकार करते हुए कहा कि इसे संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
इस महापंचायत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों में नई ऊर्जा भरी है। स्थानीय लोग और किसान संगठन इसे ऐतिहासिक मान रहे हैं, जो सरकार पर दबाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।