शामली में अल्ट्रासाउंड सेंटरों का औचक निरीक्षण, कैराना व जलालाबाद की मशीनें सील

शामली। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. अनिल कुमार ने जानकारी दी कि 1 और 2 सितंबर 2025 को जिलेभर के अल्ट्रासाउंड, ईको, एमआरआई और सीटी स्कैन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डॉ. अतुल बंसल के नेतृत्व में किया गया। टीम ने शामली, कैराना और जलालाबाद में संचालित कई केंद्रों की जांच की, जिसमें कई खामियां सामने आईं। कुछ केंद्रों को चेतावनी दी गई जबकि दो केंद्रों की मशीनों को तत्काल सील कर दिया गया।
निरीक्षण के दौरान शामली के वर्मा डायग्नोस्टिक सेंटर पर पाया गया कि अल्ट्रासाउंड कक्ष में “लिंग निर्धारण न करने संबंधी चेतावनी बोर्ड” नहीं लगा था। संचालक और सेवा प्रदाता चिकित्सक डॉ. ऋषभ बंसल मौके पर मौजूद थे। उन्हें निर्देश दिया गया कि तत्काल बोर्ड लगवाकर उसकी तस्वीर सीएमओ कार्यालय में उपलब्ध कराएं। हालांकि अन्य अभिलेख सही पाए गए। इसी तरह अग्रवाल डायग्नोस्टिक सेंटर, हनुमान टीला, शामली में फार्म-एफ सही पाया गया लेकिन अल्ट्रासाउंड कक्ष में गंदगी थी। इस पर संचालक व सेवा प्रदाता चिकित्सक डॉ. सौरभ अग्रवाल को सफाई करने के निर्देश दिए गए।
कैराना स्थित एसडी अल्ट्रासाउंड सेंटर का निरीक्षण करने पर सेवा प्रदाता चिकित्सक डॉ. अमित कुमार निर्मल अनुपस्थित पाए गए जबकि केंद्र खुला हुआ था। इस कारण टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन को तत्काल सील कर मौके पर मौजूद कर्मचारी को सुपुर्द कर दिया। पीसीपीएनडीटी नियमों के अंतर्गत आगे की कार्रवाई की जा रही है। इसी प्रकार भारत डायग्नोस्टिक सेंटर, जलालाबाद में सेवा प्रदाता चिकित्सक डॉ. करूणेश मल्होत्रा अनुपस्थित मिले। केंद्र पर मशीन सील कर संचालक जब्बार को सुपुर्द कर दी गई।
वहीं, यथ मेडिकेयर, जलालाबाद में सभी व्यवस्थाएं सही पाई गईं। यहां सेवा प्रदाता चिकित्सक डॉ. यशपाल शर्मा मरीजों का अल्ट्रासाउंड कर रहे थे। डॉ. शर्मा एएनसी मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं करते। उन्हें निर्देश दिया गया कि अपनी अतिरिक्त शैक्षिक योग्यता एमडी (मेडिसिन) को उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल में दर्ज कराकर 15 दिन के भीतर उसकी प्रति सीएमओ कार्यालय में उपलब्ध कराएं।
गंगा अमृत मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, शामली के निरीक्षण में डॉ. सुनील पंवार और डॉ. मंजीत मलिक ईकोकार्डियोग्राफी व अल्ट्रासोनोलॉजी परीक्षण करते मिले। यहां भी अल्ट्रासाउंड कक्ष में “लिंग निर्धारण न करने संबंधी चेतावनी बोर्ड” नहीं पाया गया। संचालक को तत्काल बोर्ड लगवाकर उसकी फोटो सीएमओ कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
सीएमओ डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि औचक निरीक्षण का उद्देश्य पीसीपीएनडीटी अधिनियम का पालन सुनिश्चित करना और मरीजों को सही एवं पारदर्शी सेवा उपलब्ध कराना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले केंद्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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