अगस्त में थोक मूल्य मुद्रास्फीति में सुधार: दो महीने बाद WPI लौटा सकारात्मक स्तर पर, जानें खुदरा मुद्रास्फीति का हाल

Wholesale Price Inflation: अगस्त 2025 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) दो महीने बाद सकारात्मक स्तर पर लौटी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में WPI 0.52 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह (-) 0.58 प्रतिशत रही थी। जून में भी WPI नकारात्मक स्तर पर (-) 0.19 प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया था। पिछले साल अगस्त में यह 1.25 प्रतिशत थी।
खाद्य और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि
खाद्य पदार्थों में अपस्फीति का विश्लेषण
अगस्त में खाद्य पदार्थों में अपस्फीति 3.06 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 6.29 प्रतिशत थी। इस दौरान विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों में तेजी देखी गई। अगस्त में सब्जियों में अपस्फीति 14.18 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 28.96 प्रतिशत थी। यह आंकड़े बतलाते हैं कि बाजार में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है।
निर्मित और ईंधन उत्पादों की मुद्रास्फीति
निर्मित उत्पादों के मामले में अगस्त में मुद्रास्फीति 2.55 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 2.05 प्रतिशत थी। वहीं, ईंधन और बिजली क्षेत्र में अपस्फीति 3.17 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 2.43 प्रतिशत थी। यह दर्शाता है कि ऊर्जा क्षेत्र में कीमतों में अभी भी नकारात्मक दबाव बना हुआ है।
खुदरा मुद्रास्फीति का हाल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) खुदरा मुद्रास्फीति को भी निगरानी में रखता है। अगस्त 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई। इसका मुख्य कारण सब्जियों, मांस, मछली और अंडे जैसी रसोई की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि बताया गया है। पिछले नौ महीनों तक गिरावट के बाद यह आंकड़ा बढ़ा है, जो बाजार में महंगाई के दबाव को दर्शाता है।