दुबई से मेलबर्न तक गूंजा छठ महापर्व: प्रवासी बिहारियों ने विदेशी धरती पर रच दी परंपरा की अलहदा मिसाल

जब समुद्रतट बना मिनी बिहार

जब विदेशी धरती पर गूंजी लोक-धुनें
पिछले वर्ष यह श्रद्धा मेलबर्न के कडकारूक पार्क, हीथर्टन तक पहुंची। यहाँ पांडेय परिवार ने बिहार-झारखंड सभा मेलबर्न के सहयोग से छठ का भव्य आयोजन किया। इस मौके पर सुप्रसिद्ध कलाकार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता डॉ. एन.के. नूतन ने अपनी भक्ति-धुनों से वातावरण को रोमांचित कर दिया। भक्ति और संगीत के उस संगम में उपस्थित विदेशियों ने भी सूर्य वंदना की इस अनूठी परंपरा को अनुभव किया।
संस्कारों की लौ रखी जलती
अनिल पांडेय के साथ उनकी पत्नी रितु बाला, पुत्र अर्णय, पुत्री अरण्या और प्रवासी साथी सुमित झा, मुकुंद, राजकमल, नीरज और चंद्रशेखर पांडेय जैसे कई परिवारों ने इस आयोजन को भव्यता दी। अर्घ्य के लिए ठेकुआ, नारियल, केला और गन्ने से सजी सुपे जब सैंकों ने समुद्र में सूर्य को अर्पित की, तो मेलबर्न का वातावरण पूर्णतः भक्तिमय हो उठा। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि बिहार की संस्कृति कहीं भी जाए, वह लोगों के दिलों में जीवित रहती है।
आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरक उदाहरण
इन प्रवासी परिवारों ने दिखाया कि भले ही दूरी हजारों मील की हो, लेकिन आस्था और संस्कृति की डोर कभी कमजोर नहीं होती। मेलबर्न की गलियों से लेकर दुबई के तट तक जब “छठ मइया की जय” की गूंज उठी, तो हर बिहारी हृदय गर्व और भाव से भर गया। यह महापर्व भारतीय संस्कृति के उस अटूट विश्वास का प्रतीक है जो हर बाधा को पार कर, हर दिल को जोड़ देता है।
