हरियाणा में एससी वर्ग की 10 सेवाओं पर तय हुई समय-सीमा: अब नहीं होगी लेटलतीफी

Haryana News: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़ी सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब इन दस प्रमुख सेवाओं को ‘सेवा का अधिकार अधिनियम’ के तहत शामिल किया गया है। इस निर्णय से लाभार्थियों को योजनाओं के लिए लंबे इंतज़ार से मुक्ति मिलेगी और विभागीय देरी पर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम “पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में मील का पत्थर” साबित होगा।
10 योजनाएं होंगी सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में

शिक्षा और ऋण योजनाओं की तय की गई समय सीमा
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अधीन आने वाली योजनाओं की समय सीमा तय कर दी गई है। शिक्षा ऋण योजना और सूक्ष्म वित्त योजना के अंतर्गत 135 दिनों में प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जबकि सावधि ऋण योजना के लिए 180 दिन का समय निर्धारित किया गया है। इन सेवाओं के तहत अब आवेदनकर्ता को निश्चित दिनांकों में परिणाम प्राप्त होगा और अनावश्यक देरी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
सफाई कर्मचारी वित्त निगम की योजनाओं को भी मिला नया ढांचा
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के तहत आने वाली योजनाओं को भी इस अधिनियम के दायरे में लाया गया है। शिक्षा ऋण, महिला अधिकारिता, महिला समृद्धि, सूक्ष्म ऋण और हरित व्यवसाय योजनाओं के लिए 135 दिन की समय सीमा तय की गई है, जबकि सामान्य सावधि ऋण योजना की अधिकतम अवधि 180 दिन रखी गई है। इससे सफाई कर्मचारी वर्ग की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं की गति तेज होने की उम्मीद है।
मत्स्य विभाग की सब्सिडी योजना में 40 दिन की त्वरित प्रक्रिया
मत्स्य पालन विभाग की सघन मत्स्य विकास योजना के अंतर्गत तालाब सुधार हेतु मिलने वाली सब्सिडी को भी इससे जोड़ा गया है। सरकार ने इस सेवा के लिए 40 दिन की सख्त समय सीमा निर्धारित की है। यह कदम किसानों और मत्स्य पालन करने वालों को शीघ्र आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में सहायक साबित होगा।
शिकायत निवारण और नामित अधिकारी तय
इन सेवाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने प्रत्येक सेवा में नामित अधिकारी और शिकायत निवारण प्राधिकारी नियुक्त किए हैं। यदि निर्धारित समय सीमा में कार्यवाही नहीं होती, तो संबंधित अधिकारी पर जवाबदेही तय होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, इस नीति से अनुसूचित जाति समुदाय को न केवल सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक प्रणाली में जनता का भरोसा भी बढ़ेगा।