"15 फरवरी से बनेगी बाबरी मस्जिद", हुमायूं कबीर के बयान पर बीजेपी-कांग्रेस ने जताई आपत्ति
मुर्शिदाबाद/कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निष्कासित विधायक और जनता उन्नयन पार्टी (JUP) के संस्थापक हुमायूं कबीर ने एक बार फिर विवादित बयान देकर राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया है। कबीर ने दावा किया है कि वे आगामी 15 फरवरी से मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के निर्माण का कार्य शुरू करने जा रहे हैं। उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे माहौल बिगाड़ने की कोशिश करार दिया है।
भाजपा और कांग्रेस का साझा प्रहार हुमायूं कबीर के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने इसे 'ध्रुवीकरण की राजनीति' बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही वोट बैंक की खातिर इस तरह के सांप्रदायिक मुद्दे उछाले जा रहे हैं, जिसे जनता बखूबी समझती है। वहीं, कांग्रेस ने भी कबीर पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे बयानों से केवल समाज में तनाव पैदा होता है। विपक्षी दलों ने प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की मांग की है।
चुनावों से पहले कबीर का मास्टरस्ट्रोक? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अपनी नई पार्टी 'जनता उन्नयन पार्टी' के बैनर तले 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हुमायूं कबीर इस मुद्दे के जरिए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। मुर्शिदाबाद में बड़ी मुस्लिम आबादी को देखते हुए उनका यह दांव सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
फिलहाल, 15 फरवरी की तारीख नजदीक आने के साथ ही बंगाल की राजनीति में इस मस्जिद निर्माण के दावे को लेकर खींचतान और बढ़ने के आसार हैं।
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