गुजरात की बनास डेयरी पर फिर शंकर चौधरी का जलवा कायम: तीसरी बार निर्विरोध चुने गए चेयरमैन
Gujarat News: गुजरात विधानसभा अध्यक्ष और थराद से भाजपा विधायक शंकर चौधरी एक बार फिर एशिया की सबसे बड़ी बनास डेयरी के चेयरमैन पद पर निर्विरोध चुने गए हैं। यह उनका लगातार तीसरा कार्यकाल है। डेयरी के निदेशक मंडल ने उपाध्यक्ष पद के लिए भावाभाई रबारी के नाम पर भी मुहर लगाई। दोनों नेता अब अगले ढाई साल तक अपने पदों पर बने रहेंगे।
निर्विरोध चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों की भारी जीत
चौधरी बोले - पशुपालकों के सहयोग से डेयरी ने नई ऊंचाइयां छुईं
चुनाव के बाद शंकर चौधरी ने कहा, “बनास डेयरी के लाखों पशुपालकों के विश्वास और सहयोग से यह डेयरी नई ऊंचाइयों तक पहुंची है। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य बनास डेयरी को वैश्विक स्तर पर अग्रणी ब्रांड बनाना है। हमारा निदेशक मंडल एकजुट होकर काम करेगा ताकि पशुपालकों को अधिक लाभ पहुंचाया जा सके।”
10 वर्षों से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं चौधरी
बनास डेयरी की स्थापना स्वर्गीय गलबाभाई नानजीभाई पटेल ने की थी। उनके बाद दलुभाई देसाई और फिर परितभाई भटोल ने नेतृत्व किया। भटोल ने 22 साल तक अध्यक्ष पद संभाला, जबकि पिछले 10 वर्षों से शंकर चौधरी इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। अब उन्हें एक बार फिर ढाई साल के लिए अध्यक्ष पद सौंपा गया है।
8 राज्यों में विस्तार और 20 हजार करोड़ से अधिक का टर्नओवर
बनास डेयरी का विस्तार अब गुजरात समेत 8 राज्यों में हो चुका है। डेयरी से 3.76 लाख सदस्य जुड़े हैं और इसका वार्षिक टर्नओवर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। डेयरी के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सिस्टम के तहत पशुपालकों के खातों में हर दिन करीब 35 करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं।
दूध से आगे बढ़कर “स्वीट क्रांति” की शुरुआत, 350 टन शहद का उत्पादन
बनास डेयरी ने दूध उत्पादन के साथ-साथ “स्वीट क्रांति” के तहत 350 टन शहद का उत्पादन भी शुरू किया है। इसके अलावा डेयरी से जुड़े पशुपालकों ने देश का पहला मेडिकल कॉलेज भी स्थापित किया है। डेयरी की पहल से बनासकांठा की महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है।
कौन हैं शंकर चौधरी? भाजपा के प्रभावशाली ओबीसी नेता
शंकर चौधरी गुजरात भाजपा के प्रमुख ओबीसी चेहरों में से एक हैं। वे पांच बार विधायक रह चुके हैं और 1998 में 28 वर्ष की उम्र में पहली बार चुनाव जीते थे। आनंदीबेन पटेल सरकार में वे राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वे भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश भाजपा के महामंत्री रह चुके हैं। बनासकांठा और उत्तर गुजरात में उनकी पकड़ बेहद मजबूत है।
