'पूरो' हमेशा मेरे दिल में रहेगी — ‘पिंजर’ के 22 साल पूरे होने पर उर्मिला मातोंडकर ने याद किए पुराने दिन


वहीं मनोज बाजपेयी ने भी फिल्म की पुरानी यादों को ताजा किया और लिखा, "दो दशक और दो साल पहले, 'पिंजर' रिलीज हुई थी और इस फिल्म की मेरे सफर में एक खास जगह है। यह फिल्म किसी भी मुख्यधारा के पुरस्कार के लिए योग्य नहीं थी, लेकिन इसने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते, जिनमें मेरा दूसरा पुरस्कार भी शामिल है।" एक्टर ने टीम के सभी को-स्टार्स और टीम के बाकी मेंबर्स को दिल से शुक्रिया कहा है। बता दें कि उर्मिला मातोंडकर और मनोज बाजपेयी स्टारर फिल्म 2003 में रिलीज हुई थी।
ये फिल्म अमृता प्रीतम के उपन्यास पिंजर पर आधारित है। फिल्म 1947 में भारत-पाकिस्तान के विभाजन पर बनी है, जिसमें महिलाओं के संघर्ष, विभाजन के समय मानवता और क्रूरता को पर्दे पर दिखाया गया है। फिल्म में उर्मिला मातोंडकर ने 'पूरो' नाम की हिंदू लड़की का रोल प्ले किया है और मनोज बाजपेयी राशिद नाम के मुसलमान व्यक्ति की भूमिका निभाई थी। फिल्म में राशिद और पूरो के परिवार के बीच खानदानी दुश्मनी होती है और दोनों के बीच संपत्ति का विवाद चल रहा था।
बदला लेने के लिए पूरो को निशाना बनाया जाता है। विभाजन के समय राशिद पूरो को किडनैप कर लेता है, लेकिन राशिद के मन में पूरो के लिए प्यार है और वह उसे भागने में मदद करता है। फिल्म की कहानी बहुत मार्मिक है और रिलीज के समय फिल्म को बहुत पसंद किया गया था। फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। ये फिल्म अमेजन प्राइम पर भी मौजूद है। हालांकि ये फिल्म फ्लॉप रही थी, लेकिन इसकी कहानी को काफी सराहा गया था।
