नाखून स्वस्थ तो आप भी स्वस्थ !

-क्षमा राज
चिकित्सा जगत में नाखूनों का विशिष्ट महत्त्व पहले भी था और आज भी है। चिकित्सक रोगी का मुआयना करते समय
महंगी सूक्ष्मदर्शी मशीनों का इस्तेमाल करें या न करें लेकिन वे हर रोगी के नाखूनों का मुआयना जरूर करते हैं। नाखूनों
को प्यार से तराशें और कोमलता से संवारें। ये स्वस्थ हैं तो इसका अर्थ है कि आप भी स्वस्थ हैं।
नाखूनों के स्वास्थ्य के विषय में लापरवाही न बरतें क्योंकि ये भीतरी गड़बडि़यों के सबसे बड़े लक्षण होते हैं। महंगी
नेलपॉलिश से सजे लंबे-लंबे पैने नाखून सुन्दर हो सकते हैं लेकिन उनका स्वस्थ होना जरूरी नहीं। स्वस्थ नाखून, बिना
महंगी साज-सज्जा के भी मोतियों-सी धीमी और खुशनुमा चमक के साथ सुन्दर लग सकते हैं।
क्या आप जानती हैं कि क्यूटिकल्स को किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचने पर नाखूनों का बेस भी कमजोर हो जाता है। जब
कमजोर या क्षतिग्रस्त क्यूटिकल उखड़ने लगता है तो उसी स्थान से नाखूनों के अन्दर संक्रमण घुस सकता है जो केवल
नाखून ही नहीं, पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
नाखूनों का बुरा हाल नजर आए तो समझ लेना चाहिए कि शरीर में प्रोटीन की कमी है। हमारे लिए भोजन में हमेशा प्रचुर
प्रोटीन लेना आवश्यक है। शरीर में खून की कमी का नाखूनों की हालत से पता चल जाता है। यहां तक पीलिया के लक्षण
भी नाखूनों से पता चल जाते हैं।
फूहड़पन से लगातार नाखून कुतरते या चबाते रहने से नाखूनों में ’माइक्रोट्रोमा‘ नामक गड़बड़ी पैदा हो जाती है जिससे एक
तो नाखूनों की सतह खराब होती है, दूसरे कभी-कभी पूरा नाखून ही गिर जाता है। नाखूनों पर खड़ी-खड़ी धारियां इस बात
की सूचक हैं कि हमारे हाथ कठोर साबुन के सम्पर्क में बराबर आ रहे हैं।
हमेशा गंदे पानी के सम्पर्क से भी नाखून खुरदरे और बदसूरत हो जाते हैं। त्वचा हमेशा गीली रहे तो वहां एक प्रकार की
फफूंद पैदा होकर नाखूनों को खराब कर देती हैं।
नाखून प्रतिदिन बढ़ते हैं। ये गर्मी में सर्दियों की अपेक्षा ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं। जवानी में बढ़त तेज होती है और बुढ़ापे में
कम। इनके विषय में एक मजेदार बात यह भी है कि लंबे लोगों के नाखून तेजी से बढ़ते हैं और ठिगनों के धीमे। लंबी
अंगुलियां हों तो बढ़त तेज होती है और बीच की अंगुली चूंकि सबसे लंबी होती है, इसलिये इसका नाखून सब से तेजी से
बढ़ता है।
नाखूनों की देखभाल कैसे?
नाखूनों की देखभाल के विषय में कुछ पुरानी और कुछ एकदम नयी जानकारियां इस प्रकार हैं-
नाखूनों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें नियमित काटती रहिये। हाथों और पैरों दोनों के ही नाखूनों को किनारों पर गोल न
काटकर, सीधा ही काटें।
इन्हें हमेशा एमरी बोर्ड से ही फाइल करें।
यदि नाखून बदरंग से लगने लगे हों तो हर हाल में इन्हें एक दो माह तक एकदम खुला, रंग विहीन ही छोडे़ं।
नाखूनों को पानी के अत्यधिक सम्पर्क से बचायें। हर बार बर्तन धोने के बाद हाथ पोंछकर इन्हें सुखायें।
नाखूनों को औजार की तरह कदापि इस्तेमाल न करें। इन्हें खरोंचने, खोदने या डिब्बे खोलने के काम में न लाये।
गर्म या ठंडे तरल को ’चेक‘ करने के लिए हर बार नाखून को ही डुबोना गलत है।
दांतों से नाखूनों को चबाना अशुभ है। ऐसी आदत छोड़ दें।
नाखूनों की भी उतनी ही सुध लीजिए जितनी आप उंगलियों की लेते हैं। नाखूनों को प्यार से तराशें और कोमलता से
संवारें। ये स्वस्थ हैं तो इसका अर्थ है कि आप भी स्वस्थ हैं। (स्वास्थ्य दर्पण)
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